चीनी में कड़वाहट घोलने की तैयारी में मोदी सरकार, उठाया ये बड़ा कदम

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक के बाद कहा कि चीनी पर उपकर (सेस) लगाने के लिए मंत्रिसमूह विचार करेगा। जीएसटी परिषद की 27वीं बैठक में चीनी पर उपकर लगाने के विषय में सदस्यों ने अगल-अगल मत जाहिर किए। पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री ने कहा कि चीनी पर उपकर लगाने का फायदा सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश को होगा।

मोदी सरकार

परिषद की ओर से इस मसले पर विचार करने के लिए मंत्रिसमूह का गठन करने की सिफारिश की गई। वित्तमंत्री ने परिषद की बैठक के बाद वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “चीनी पर उपकर लगाने पर मंत्रिसमूह विचार करेगा।”

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मौजूदा चीनी उत्पादन व विपणन वर्ष 2017-18 (अक्टूबर-सितंबर) में अप्रैल के आखिर तक देश में चीनी का उत्पादन 310 लाख टन से ज्यादा हो गया। खपत के मुकाबले आपूर्ति ज्यादा होने से घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में गिरावट आई, जिसके चलते मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया लगभग 20,000 करोड़ रुपये हो गया है।

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गन्ना उत्पादकों के बकाये का भुगतान समय से किए जाने के उपाय के मद्देनजर सरकार ने मिलों को उत्पादन लागत में राहत प्रदान करते हुए किसानों को गóो की खरीद पर 55 रुपये टन की दर से सीधा भुगतान करने का फैसला किया। इसके लिए फंड की व्यवस्था करने के मकसद से केंद्र सरकार चीनी पर उपकर लगाना चाहती है।

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