ब्लैकमनी वापस लाने की दिशा में मोदी सरकार को मिली बड़ी कामयाबी

ब्लैकमनीनई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने में कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाह रहे। इसी के तहत वो लगातार ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे देश में कालेधन पनपने की सम्भावना ही न रहे। इसके लिए अब तक का सबसे बड़ा कदम नोटबंदी रहा है।

वहीँ अब मोदी सरकार को स्विट्जरलैंड से ब्लैकमनी वापस लाने की दिशा में बड़ी कामयाबी मिलती नज़र आ रही है। यहां की पार्लियामेंट में एक एक्ट को पारित किया गया है, जिससे कालेधन के वापसी की संभावनाएं बढ़ गई है।

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स्विट्जरलैंड की पार्लियामेंट पैनल ने उस पैक्ट को मंजूरी दे दी है, जिसमें वहां के बैंक अकाउंट में जमा होने वाली ब्लैकमनी की जानकारी भारत सरकार को रियल टाइम बेसिस पर मिलेगी। इससे मोदी सरकार के एंटी ब्लैकमनी कार्यों में काफी हद तक मदद मिलेगी।

बता दें इसे ऑटोमैटिक इन्फॉर्मेशन एक्सचेंज पैक्ट कहा गया है। अब यह प्रपोजल मंजूरी के लिए विंटर सेशन में अपर हाउस से पार्लियामेंट को भेजा जाएगा, जोकि 27 नवंबर से शुरू हो रहा है।

रविवार को कमिशन फॉर इकोनॉमिक अफेयर्स एंड टैक्सेज काउंसिल ऑफ स्टेट्स ने इस पैक्ट को मंजूरी दी। यह पैनल स्विस पार्लियामेंट के अपर हाउस का खासय पैनल है। पैक्ट भारत के अलावा 40 दूसरे देशों से भी किया गया है। हालांकि मंजूरी देते समय पैनल ने यह भी कहा है कि ये देश इनडिविजुअल लीगल क्लेम्स के लिए अपने देश में लीगल प्रोटेक्शन को मजबूत करे।

कैसे काम करेगा नेटवर्क

इस पैक्ट के तहत अगर किसी इंडियन का स्विस बैंक में अकाउंट है तो इस बारे में बैंक इसके लिए बनी अथॉरिटी को फाइनेंशियल अकाउंट डाटा की पूरी जानकारी देंगे। इसके बाद अथॉरिटी इस डाटा को भारत सरकार के पास ट्रांसफर कर देगी। जिसके बाद भारत में उस अकाउंट होल्डर की पर्सनल डिटेल के बारे में पता लगाया जाएगा। जिसमें उसकी आय, उसके द्वारा दिए जाने वाले टैक्स आदि की जानकारी शामिल होगी।

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उल्लेखनीय है कि अपर हाउस की इकोनॉमिक अफेयर्स कमेटी ने सरकार से यह कहा है कि ऑटोमैटिक इनफॉर्मेशन एक्सचेंज फ्रेमवर्क की सेफ्टी के लिए इसके लिए कुछ एडिशनल सेफगार्ड बनाए।

दावों के मुताबिक स्विट्जरलैंड में है सबसे ज्यादा कालाधन

स्विट्जरलैंड को उन देशों में आता है, जहां भारत की सबसे ज्याेदा ब्लैटकमनी जमा है।

बता दें G20, OECD के साथ अन्यस ग्लोाबल ऑर्गनाइजेशंस के दायरे में टैक्सै के मसले पर भारत और स्विस सरकार के बीच लंबी बातचीत के बाद यह पैक्ट् सामने आया था। वहीँ इससे पहले स्विस गवर्नमेंट ने कहा था कि भारत ने इन पैक्टा को लागू करने के लिए जरूरी कमिटमेंट दिखाया है।

2019 से मिलेंगी ब्लैकमनी से सम्बंधित जानकारी

ये पैक्टे 2018 में लागू होना है और 2019 से भारत सरकार को डाटा मिलना शुरू हो जायेगा। गजट के फैक्टटशीट के अनुसार, स्विस सरकार भारत के इन्यो    रेंस और फाइनेंशियल सेक्टरर में और ज्याफदा पहुंच बढ़ाना चाहती है। इसी कारण भारत को स्विस बैंक खातों में होने ट्रांजेक्शशन की रियल टाइम इन्फॉार्मेशन मिलती रहेगी।

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