शर्मनाक: नाबालिग का अपहरण कर दुराचार करने वाले दोषी को 10 साल की सजा
पौड़ी। उत्तराखंड में आए दिन बढ़ती वारदातों में नाबालिग से दुष्कर्म का मामला सामने आता रहा है। एक ऐसा ही बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है। पौड़ी जिले में अदालत ने नावालिग से दुराचार के आरोपी को दस साल की सजा सुनाई और 14 हजार रूपए का जुर्माना भी थोपा। विशेष अधिनक्ता पोस्को रोकेश सामवेदा और जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता पीबी पंद ने बताया है कि घौरसाड़ टिहरी गढ़वाल निवासी अनिल कुमार यानि आरोपी जिले के गांव से 9 जुलाई 2017 को नाबालिग को बहला फुसला के उसके साथ फरार हो गया । पीड़िता के दादा को जब यह बात पता चली तो उन्होंने अगले दिन 10 जुलाई को अपनी पोती के गुमशुदा होने की रिपोर्ट थाना देवप्रयाग में की।
पुलिस ने दुष्कर्मं और पोस्को सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया और पीडि़ता के परिजनों को फरार आरोपी को जल्द से जल्द तलाश करने का आशवासन दिया। उसके बाद पुलिस उस ओरोपी को ढूंढने में जुट गई। तमाम कोशिशों के बाद पुलिस ने फरार आरोपी को 2 अगस्त को देवप्रयाग से पकड़, हिरासत में ले लिया। आरोपी ने नाबालिग से ऋषिकेश, विकासनगर और हिमाचल प्रदेश जैसे कई स्थानो पर दुराचार करने की बात को स्वीकार है।
विवेचना के दौरान नाबालिग पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि उसके सगे दादा ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया है। पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने दादा को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले की सुनवाई जिला जज कवंर सेन की अदालत में गई। दोनों पक्षों की बात को सुनने के बाद जिसमें नाबालिग से दुराचार के दोषी अनिल कुमार को 10 साल की कारावास की सजा सुनाई और अलग- अलग धाराओ में लिप्त करार होने की वजह से 14 हजार का जुर्माना भी लगाया। हांलाकि पीड़िता के दादा दोषमुक्त पाए गये तो उन्हें झोड़ दिया गया।
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