NCR वासियों को पीएम मोदी का क्रिसमस तोहफा, मेट्रो की मेजेंटा लाइन का आज करेंगे उद्घाटन
नोएडा। एनसीआर के बाशिंदों को क्रिसमस पर पीएम नरेंद्र मोदी सोमवार को मेट्रो की मजेंटा लाइन का तोहफा देंगे। इस दौरान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई कैबिनेट मंत्री भी मौजूद रहेंगे। केंद्र व प्रदेश के मंत्रियों, एडीजी सिक्योरिटी, एडीजी जोन, आइजी रेंज समेत जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने रविवार को सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। शनिवार को मुख्यमंत्री खुद तैयारियां देख चुके हैं। 138.23 किलोमीटर लंबी यह मेट्रो लाइन बोटेनिकल गार्डन से दिल्ली के जनकपुरी वेस्ट तक जाएगी। इसके पहले भाग का उद्घाटन प्रधानमंत्री सोमवार को करेंगे।
आचार्य बालकृष्ण की पहल, बहुत जल्द इस पौधे के रेशे से बनेगा पतंजलि कपड़ा
प्रधानमंत्री 12.55 पर नोएडा के बॉटनिकल गार्डन हैलीपेड पर पहुंचेंगे. यहां सीएम योगी आदित्यनाथ और यूपी के राज्यपाल उनका स्वागत करेंगे. 1 बजे पीएम बॉटनिकल मेट्रो स्टेशन जाएंगे. 1.20 पर पीएम और सीएम योगी मेट्रो पर सवार होकर ओखला बर्ड सेंचुरी जाएंगे. इसके बाद वे एमिटी यूनिवर्सिटी पहुंचेंगे.
इस दौरान प्रधानमंत्री यूनिवर्सिटी में जनसभा को संबोधित करेंगे. उधर मुख्यमंत्री योगी का तीन दिन में ये दूसरा नोएडा दौरा होगा. वहीं प्रधानमंत्री का ये अब तक का तीसरा नोएडा दौरा होगा.
मजेंटा मेट्रो लाइन के लिए नोएडा में दो स्टेशन बनाए गए हैं. नोएडा के अंदर मजेंटा मेट्रो लाइन की दूरी 3.96 किलोमीटर है. इसे बनाने में कुल लागत 845 करोड़ रुपए आई है. इस लागत का 80 प्रतिशत नोएडा प्राधिकरण ने दिया है, जबकि 20 प्रतिशत केंद्र सरकार ने खर्च किया है.
शरीअत व मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ है तीन तलाक पर बिल : AIMPLB
बॉटनिकल गार्डन से कालकाजी मंदिर जाने के लिए 9 स्टेशन होंगे. यह स्टेशन कालकाजी मंदिर, ओखला एनएसआईसी, सुखदेव विहार, जामिया मिलिया इस्लामिया ,जसोला विहार, शाहीन बाग, कालिंदी कुंज, ओखला बर्ड सेंचुरी और बॉटनिकल गार्डन होंगे. कालकाजी से बॉटनिकल मेट्रो लाइन की दूरी 12.64 किलोमीटर की होगी.
बता दें कि सार्वजनिक परिवहन अब तकनीक के नए युग में प्रवेश करने जा रहा है. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) पहली बार चालक रहित मेट्रो का संचालन करने जा रहा है.
इस लाइन पर पिछले 6-7 महीनों से ट्रेनों का ट्रायल किया जा रहा था. इसमें ट्रेनों के संचालन के लिए पहली बार प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स (पीएसडी) और उच्च तकनीक वाली सिग्नलिंग प्रणाली का इस्तेमाल किया जाएगा.