मालेगांव बम विस्फोट के आरोपी पुरोहित की याचिका हुई खारिज, नहीं होगी न्यायिक जाँच

नई दिल्ली| सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को मालेगांव बम विस्फोट के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने मामले के संबंध में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा कथित अगुवा किए जाने और प्रताड़ित करने की न्यायिक जांच कराने की मांग की थी। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ की पीठ ने कहा, “इस स्तर पर हम हस्तक्षेप क्यों करे? इससे मौजूदा मामले में असर पड़ेगा।”
मालेगांव बम विस्फोट के आरोपी पुरोहित की याचिका हुई खारिज, नहीं होगी न्यायिक जाँच
वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने पुरोहित की तरफ से पक्ष रखा और न्यायालय से राष्ट्रीय जांच एजेंसी को इस मामले को देखे जाने की मांग की।

निचली अदालत के समक्ष मामले को उठाने की आजादी देने की मांग करते हुए साल्वे ने अदालत से कहा कि याचिका को खारिज किए जाने को ‘अन्य तरीके’ से देखा जाएगा।
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अदालत ने लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को निचली अदालत के समक्ष मामला उठाने की इजाजत दे दी।

पुरोहित मालेगांव विस्फोट मामले के मुख्य आरोपी हैं।

पुरोहित ने खुद को कथित अपहरण और प्रताड़ित करने के संबंध में याचिका गृह मंत्रालय के पूर्व संयुक्त सचिव आर.वी.एस. मनी के खुलासे के आधार पर दाखिल किया है, जिसमें उन्होंने संकेत दिया था कि पुरोहित को ‘भगवा आतंक’ के नाम पर पूर्व सरकार के कुछ धड़ों ने ‘फंसाया था।’

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