
गणेश जी का स्थान सभी देवताओं में उच्च है. उनकी पूजा के बिना कोई भी अच्छा काम शुरू नहीं होता है. इन दिनों गणपति की धूम मची हुई है. आम से लेकर खास इस उत्सव को शानदार तरीके से मनाते हैं. किसी भी शुभ कार्य से पहले ऊँ वक्रतुण्ड़ महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ. निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा ये श्री गणेश मंत्र बोलते हुए सर्वप्रथम गजानन का पूजन किया जाता है. गणपति की महिमा से तो सभी वाकिफ हैं लेकिन गणेशजी से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में जानने के बाद हैरानगी लाजमी है.
गणेशजी से जुड़े रोचक तथ्य
हर युग में गणेश भगवान के अलग रूप की आराधना की गई है. गणेश पुराण के अनुसार, सतयुग में उनका दस भुजाओं वाला सिंह की सवारीवाला विनायक रूप, त्रेता युग में श्वेत वर्ण छह भुजाओं वाले मयूर की सवारी मयूरेश्वर रूप, द्वापर युग में चार भुजाओं वाले लाल वर्ण व मूषक की सवारी वाले गजानन, कलियुग में दो भुजाएं अश्व वाहन धूम्र वर्ण धूम्रकेतु रूप प्रचलित रहेगा.
गणेश भगवान के कानों में वैदिक ज्ञान, मस्तक में ब्रह्म लोक, आंखों में लक्ष्य, दाएं हाथ में वरदान, बाएं हाथ में अन्न, सूंड में धर्म, पेट में सुख-समृद्धि, नाभि में ब्रह्मांड और चरणों में सप्तलोक है.
कुण्डलिनी योग के अनुसार, सात कुण्डलिनी चक्रों में से पहला चक्र, जो हमारी रीढ़ की हड्डी के सबसे निचले हिस्से या आधार में स्थित मूल चक्र गणेशजी का निवास स्थान है.
महर्षि व्यास की महाभारत गणेशजी ने लिखी थी. वे बोलते गए, गणेशजी लिखते रहे. लिखने के लिए उनके पास कुछ नहीं था, तो उन्होंने अपना एक दंत तोड़कर महाभारत लिखी, जिससे वे एकदंत कहलाए.
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परिवार में आपसी स्नेह, प्यार, सहयोग बना रहे, लड़ाई-झगड़े, कलह आदि न हो, इसके लिए चंदन के गणपति की पूजा करें.
घर में गणेशजी का फोटो लगाते समय ध्यान दें कि तस्वीर में मोदक व चूहा जरूर हो. इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
मुख्यद्वार पर गणेशजी की दो मूर्ति लगाएं, जिनकी पीठ आपस में मिली हो. इससे सभी तरह के वास्तु-दोष दूर हो जाते हैं.
धन-वैभव के लिए चांदी के गणपति घर में रखें. साथ ही कमल पर बैठे गणेशजी की भी पूजा कर सकते हैं.
सिंदूरी रंग के गणेश भगवान की आराधना करने से घर के सभी कार्य निर्विघ्न रूप से होते हैं.
घर में गणपतिजी की बैठी मुद्रा और शॉप-ऑफिस में खड़ी मुद्रा शुभदायक होती है.
कामयाब व मशहूर होने के लिए पन्नावाले भगवान गणेश की आराधना करें.
जीवन में शांति बनी रहे, इसके लिए स़फेद गणपति की पूजा-अर्चना करें.
डर व शत्रुओं से बचने के लिए मूंगावाले गणेश भगवान की स्तुति करें.
घर के सेंटर में पूर्व दिशा में गणपतिजी को रखना शुभ होता है.
बच्चे की कामना के लिए बाल गणेश की पूजा करें.