मुलायम सिंह के करीबी पर चला प्रशासन का चाबुक, दर्ज हुआ मुकदमा

रिपोर्ट- अखिलेश्वर तिवारी

बलरामपुर। पूर्व सपा सरकार में कद्दावर नेता तथा मुलायम सिंह के करीबी माने जाने वाले जंतु उद्यान राज्यमंत्री रह चुके डॉक्टर शिव प्रताप यादव के पुत्र के नाम संचालित हो रहे यादव गन हाउस में अनियमितता पाए जाने के कारण एफआईआर दर्ज कराया गया है। उप जिलाअधिकारी अरुण कुमार गौड़ की तहरीर पर कोतवालीनगर में धारा 465 तथा 468 के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। मुकदमा अलग-अलग दो मामलों को लेकर दर्ज कराया गया है।

s.p yadav

जिला अधिकारी कृष्णा करुणेश ने बताया कि जिला मुख्यालय के पहलवारा स्थित यादव गन हाउस के द्वारा फर्जी तरीके से कारतूस बेचे जाने का मामला प्रकाश में आने के बाद मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।

उन्होंने बताया कि 29 दिसंबर 2017 को थाना हरैया के ग्राम भटपुरवा निवासी राजेश्वर तिवारी द्वारा शिकायत मिली थी कि उनके शस्त्र लाइसेंस संख्या 3 /थाना हरैया पर 315 बोर के 10 अदद कारतूस फर्जी तरीके से विक्रय करके विक्रय पंजिका में दर्ज कर दिया गया है। जबकि उन्होंने कोई कारतूस उस तारीख को नहीं खरीदा है। इस मामले की पुलिस क्षेत्राधिकारी ओपी सिंह तथा एसडीएम सदर अरुण कुमार गौड़ के द्वारा जांच कराई गई तो शिकायत सही पाई गई।

इसी बीच 4 जनवरी 2018 को कोतवाली नगर क्षेत्र के मोहल्ला बलुहा निवासी मोहम्मद रफी ने शिकायत की थी कि उनके शस्त्र लाइसेंस संख्या 1173/डीएम थाना कोतवाली नगर के नाम 4 जनवरी तथा 9 जनवरी 2018 को 32 बोर के 10-10 कारतूस यादव गन हाउस द्वारा बिक्री किए गए हैं। जिसे ब्रिकी रजिस्टर पर भी चढ़ाया गया है परंतु उनके द्वारा इस तारीख को कोई भी कारतूस नहीं खरीदा  गया है और उनके लाइसेंस बुक पर भी ऐसा कुछ चढ़ाया नहीं गया है।

इस मामले की जांच की गई तो शिकायत सही पाया गया। शिकायतों को सही पाए जाने के बाद एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया गया था। आदेश के अनुपालन में उप जिला अधिकारी अरुण कुमार गौड़ ने कोतवाली नगर में मुकदमा पंजीकृत कराया है।

यह भी पढ़े: मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों के बाद नर्सिंग स्टाफ हड़ताल की राह पर, मरीज परेशान

इस पूरे मामले पर पूर्व मंत्री शिव प्रताप यादव का कहना है कि उनके गन हाउस द्वारा किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं की गई है। यह सब राजनीतिक दबाव के चलते किया जा रहा है । उनके विरोधी उन्हें बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं और प्रशासन के लोग भी सत्ता के दबाव में शायद ऐसा करने को मजबूर हैं ।

LIVE TV