Kisan Andolan : बारिश में नहीं टूटा किसानों का हौसला, टेंट-बिस्तर भीगे, बैठकर काटी रात

दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन को एक महीने से ऊपर का समय हो गया है। किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. शनिवार और आज सुबह हुई बारिश की वजह से किसानों के अस्थायी टेंटों में पानी भर गया. इसके बावजूद किसान वहां पर डटे रहे।

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में शनिवार रात से बारिश का दौर शुरू हुआ था जो रविवार दिन भी जारी रहा। बारिश के कारण तापमान गिरकर एक-दो डिग्री तक पहुंच गया है और ठंड बहुत ज्यादा बढ़ गई है। आंदोलनकारी किसान सड़कों पर टेंट लगाकर उनमें बिस्तर बिछाकर रातें गुजार रहे थे, लेकिन ज्यादातर टेंट में पानी भर गया है। बिस्तरों को पानी से बचाने के लिए उन्हें समेटकर एक जगह इकट्ठा कर दिया गया है। ऐसे में किसानों के लिए बैठने तक की जगह नहीं बची है, और वे जमीन पर बैठ कर ही बात गुजर रहे हैं। इससे किसानों को भारी परेशानी हो रही है, लेकिन इस परेशानी में भी किसानों का आंदोलन का जज्बा बरकरार है।

वही कुछ किसान फ्लाईओवर के नीचे बारिश से बचने की कोशिश कर रहे हैं। तो कुछ किसान अपने वाहन को ही आशियाना बना लिया हैं। जगह जगह अलाव जलाकर ठंडी से बचने की कोशिश कर रहे हैं। मौसम की यह परेशानी किसानों का जोश कमजोर नहीं कर सकी है। वे अब भी अपने आंदोलन और अपनी मांगों पर लंबे समय तक टिके रहने के लिए सड़कों पर डटे हैं।

बारिश होती रही और भाषण चलता रहा

बारिश के कारण काफी किसान इधर-उधर हो गए हैं, लेकिन इस बारिश के बीच भी किसानों का भाषण, नारेबाजी और सरकार के खिलाफ आक्रोश कायम है। यूपी बॉर्डर के मुख्य धरना स्थल पर इस समय भी 11 किसान भूख हड़ताल पर हैं और कुछ लोग अपने दूसरे किसान भाइयों को आंदोलन की बारीकियां समझा रहे हैं। किसानों का कहना है कि यह कानून वापस लेने तक उनका जोश कमजोर नहीं पड़ेगा। चाहे बारिश पड़ती रहे या ओले पड़ते रहें, वे कानून खत्म कराए बिना यहां से वापस नहीं जाएंगे।

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