बाढ़ से राहत पाने के लिये ये अनूठा तरीका अपनाएगा केरल का प्रतिनिधिमंडल

तिरुवनंतपुरम। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शुक्रवार को कहा कि बाढ़ से तबाह राज्य के पुनर्निर्माण के लिए धन जुटाने के मकसद से केरल के एक मंत्री की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल मध्य पूर्व के विभिन्न देशों और अन्य देशों की यात्रा करेगा। विजयन ने कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि प्रतिनिधिमंडल मध्य पूर्व, अमेरिका, आस्ट्रेलिया, जर्मनी, कनाडा की यात्रा करेगा और इन देशों में विभिन्न मलायाली संगठनों के सहयोग के साथ राज्य के पुनर्निर्माण के लिए धन एकत्र करेगा।

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन

एक प्रतिनिधिमंडल भारत में भी यात्रा करेगा और धन जुटाने के लिए केरल स्थित सभी संगठनों से मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा, “इसी प्रकार राज्य के सभी 14 जिलों में एक निधि संग्रह अभियान भी आयोजित किया जाएगा और प्रत्येक जिले की अगुवाई एक मंत्री करेंगे और यह 10 और 15 सितंबर के बीच होगा।”

उन्होंने कहा, “राज्य में सभी शैक्षणिक संस्थानों में निधि संग्रह शुरू करने की भी योजना बनाई गई है और यह 11 सितंबर को होगी।”

यह भी पढ़ें:- नहीं थम रहा एससी/एसटी एक्ट का विरोध, प्रदर्शनकारियों के गुस्से के शिकार हुए भाजपा-कांग्रेस के सांसद

उन्होंने यह भी बताया कि अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन परामर्शदाता केपीएमजी निशुल्क परामर्श सेवा प्रदान करने पर सहमत हो गई है और केरल के पुनर्निर्माण के लिए सलाहकार भागीदार होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, “सबरीमाला मंदिर शहर में काफी नुकसान हुआ है और जैसा कि 17 नवंबर को त्योहारी सीजन शुरू हो रहा है, टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को बहाली कार्यो को करने का काम सौंपने का फैसला किया गया है।”

उन्होंने कहा कि घरेलू उपकरण खरीदने वाले सभी लोगों को एक लाख रुपये का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा। व्यापारी और अन्य एडवांस में 10 लाख रुपये तक का लाभ उठा सकते हैं, जिसमें ब्याज देना होगा। इस संबंध में बैंक संघों के साथ एक व्यवस्था तैयार की जा रही है।

यह भी पढ़ें:- पुलिस हिरासत में आरोपी की मौत से मचा हड़कंप, थाना प्रभारी समेत चार निलंबित

15 अगस्त को शुरू हुए मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में दिया गया योगदान अब तक 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के आंकड़े को पार कर चुका है।

राज्य में विनाशकारी बाढ़ से हुए हादसों में 483 लोगों को जान गंवानी पड़ी। 8 अगस्त से 16 अगस्त तक लगातार हुई बारिश के बाद करीब 14.50 लाख लोग अभी भी 3,000 से अधिक राहत शिविरों में रह रहे हैं।

LIVE TV