23 महीने बाद विकास दुबे का खौफ खत्म, बिकरू में पहली बार महिला चौपाल का हुआ आयोजन

( रितिक भारती )

महिलाएं परिवार बनाती है, परिवार घर बनाता है, घर समाज बनाता है और समाज ही देश बनाता है। इसका सीधा सीधा अर्थ यही है की महिला का योगदान हर जगह है। महिला की क्षमता को नज़रअंदाज करके समाज की कल्पना करना व्यर्थ है। शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के बिना परिवार, समाज और देश का विकास नहीं हो सकता। महिला यह जानती है की उसे कब और किस तरह से मुसीबतों से निपटना है। ऐसा ही कुछ चौबेपुर के बिकरू गांव में पहला मौका था जब महिलाएं प्रशासन की ओर से लगाई गई चौपाल में खुलकर बोल रही थीं। महिलाओं ने कहा कि अब उन्हें किसी बात का डर नहीं है। वह सभी अपने गांव के नाम पर लगा दाग मिटाने के लिए कुछ अच्छा करने की सोच रखे हैं। झिझक छोड़कर गांव की युवतियों ने एसडीएम बिल्हौर आकांक्षा गौतम के साथ सेल्फी भी ली।

बिकरू कांड के 23 महीने बीत चुके हैं। अब कुख्यात विकास दुबे का खौफ गांव वालों के जेहन से निकल चुका है। इससे पहले भी प्रशासन ने गांव में चौपाल की, लेकिन बुधवार को महिलाओं की चौपाल का यह पहला मौका था। कुख्यात के खंडहर कोठी के नजदीक लगी चौपाल में एसडीएम बिल्हौर आकांक्षा गौतम व महिला थाना प्रभारी प्रिया वर्मा ने महिलाओं से सीधा संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का निराकरण का भरोसा दिलाया। बीते दिनों डीएम ने भी गांव में चौपाल लगाकर समस्याएं सुनी थीं। यहां ग्रामीणों ने बिजली और पट्टे की जमीनों पर कब्जे की शिकायतें की थीं। बुधवार को महिला चौपाल में एसडीएम बिल्हौर आकांश गौतम के साथ गांव की निधि, पारसी यादव, मंजू ने सेल्फी भी ली।

पुलिस अपने व्यवहार निष्ठा करें : चौपाल में एसडीएम आकांक्षा गौतम ने कहा कि पुलिस ग्रामीणों से अच्छा व्यवहार करे। उनकी सहायता के साथ उन्हें आदर भी दे। उन्होंने महिलाओं से कहा कि वह डरें नहीं, उनकी शिकायत पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। वह किसी समस्या के लिए हेल्पलाइन की सहायता ले सकती हैं।

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