आधी रात जन्मे कन्हैया, भजन-कीर्तन के साथ भक्तिमय हुआ माहौल

आधी रात भगवान श्रीकृष्ण का जन्म होते ही चारों ओर आतिशबाजी होने लगी और सभी लोग मंगलगीत गाकर भगवान का स्वागत करने लगीं। भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाने के लिए दुल्हन की तरह सजाया गया था। शाम से ही भजन-कीर्तन के साथ भक्तिमय सांस्कृतिक प्रस्तुतियों पर लोग आधी रात तक झूमते रहे।

घरों में कान्हा का दूध-दही से अभिषेक किया गया। भजन-कीर्तन सुबह तक चला। शहर से लेकर देहात तक गली व मोहल्लों में शाम से ही हिंडोले सजाकर डीजे पर भक्ति धुनें बजने लगी थीं।

दो वर्ष बाद इस बार फिर से भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव आकर्षण का केंन्द्र रहा। शाम होते ही यहां भक्तिमय सांस्कृतिक प्रस्तुति शुरू हो गई थी। भजन-कीर्तन सहित नृत्य और गीत का आनंद श्रद्धालु आधी रात तक लेते रहे। आपको बता दे कि, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में आधी रात के वक्त हुआ था। 

श्रद्धालु प्रभु के जन्मोत्सव पर झूमते-नाचते दिखे। भगवान को भी झूले पर झुलाया और मंगलगीत गाकर भगवान श्रीकृष्ण का स्वागत करते नज़र आये भक्त । 

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