न्यायमूर्ति गोगोई की प्रधान न्यायाधीश पद पर नियुक्ति के विरुद्ध याचिका खारिज

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को देश के अगले प्रधान न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की नियुक्ति के विरुद्ध याचिका खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति गोगोई

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि इस मामले में अदालत के हस्तक्षेप की कोई जरुरत नहीं है और याचिका को ‘बिना किसी महत्व का’ बताकर खारिज कर दिया।

याचिकाकर्ता वकील आर.पी. लूथरा ने कहा कि उन्हें बहस करने की अनुमति दिए बिना ही उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया।

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पीठ ने कहा, “हमने पाया कि यह ऐसा मामला नहीं है जिसमें हस्तक्षेप किया जाए। हम इसमें कोई योग्यता नहीं देखते हैं।”

लूथरा ने कहा कि 12 जनवरी को सर्वोच्च न्यायालय के चार न्यायाधीशों ने संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया था, जिसमें न्यायमूर्ति गोगोई ने प्रधान न्यायाधीश मिश्रा के खिलाफ एक तरह से विद्रोह किया था।

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उन्होंने कहा कि यह न्यायिक प्रणाली को नुकसान पहुंचाने का प्रयास था और न्यायमूर्ति गोगोई को उनके ‘अवैध और असंवैधानिक कार्य’ के लिए फटकारा (रेप्रीमैंडेड) जाना चाहिए।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा 2 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। न्यायममूर्ति गोगोई अगले दिन प्रधान न्यायाधीश का पद संभालेंगे।

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