Jaswant Singh Death : महज 15 साल की उम्र में फौज में हुए थे शामिल, सियासी सफर रहा काफी दिलचस्प

पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 82 वर्ष के थी। जसवंत सिंह के निधन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर शोक जताया। जसवंत सिंह पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे थे। इसी के साथ वह भारत सरकार में कई वरिष्ठ पदों पर रह चुके थे।

आपको बता दें कि जसवंत सिंह का जन्म 3 जनवरी 1938 को हुआ था। वह एक कुशल राजनीतिज्ञ के तौर पर जाने जाते थे। जसवंत वैसे तो राजस्थान के बाड़मेर जिले के रहने वाले थे और उन्होंने 15 साल तक भारतीय सेना में अपनी सेवा दी थी। वह 15 साल की उम्र में ही सेना में शामिल हो गये थे। जसवंत को जोधपुर के पूर्व महाराजा गज सिंह का बेहद करीबी माना जाता था। उन्हें 2001 में सर्वश्रेष्ठ सांसद के पुरस्कार से नवाजा गया था। उन्होंने भारत के विभाजन को लेकर एक किताब भी लिखी थी। इस किताब में उनकी ओर से जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल की आलोचना की गयी थी और मोहम्मद अली जिन्ना की तारीफ की गयी थी। जिस कारण बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निष्काषित कर दिया था। हालांकि बाद में पुनः उन्हें बीजेपी में शामिल कर लिया गया था। ज्ञात हो कि साल 2014 में जसवंत लोकसभा चुनाव के लिए जैसलमेर-बाड़मेर लोकसभा सीट से टिकट चाहते थे। लेकिन टिकट न मिलने पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा। जिसके बाद बीजेपी ने उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया।

कुछ ऐसा था राजनीतिक सफर

  • 16 मई 1996 से 1 जून 1996 तक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री रहे।
  • 5 दिसंबर 1998 से 1 जुलाई 2002 के दौरान वाजपेयी सरकार में विदेश मंत्री भी रहे।
  • साल 2002 में वित्तमंत्री बने और 2004 तक वे अपने पद पर कायम रहते हैं।
  • जसवंत सिन्हा 15वीं लोकसभा में दार्जिलिंग से सांसद चुने गए थे।
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