जापानी प्रधान मंत्री लघु यात्रा पर पहुंचे भारत, पीएम मोदी ने फुमियो किशिदा को भेंट में दी कृष्ण पंखी

दिलीप कुमार

जापान के पीएम फुमियो किशिदा शनिवार को 3:40 बजे एक छोटी यात्रा पर भारत पहुंचे। वह रविवार सुबह आठ बजे यहां से प्रस्थान भी करेंगे। भारत और जापान के राष्ट्राध्यक्षों के बीच मुलाकात इससे पहले एक वार्षिक शिखर बैठक अक्टूबर 2018 के दौरान तोक्यो में हुई थी। मोदी और किशिदा की शिखर वार्ता में प्रमुख द्विपक्षीय मुद्दों के अलावा यू्क्रेन के ताजा हालात के लेकर भी चर्चाएं होंगी।

विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा था कि शिखर बैठक दोनों पक्षों को विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करने और उन्हें मजबूत बनाने के साथ-साथ पारस्परिक हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर देगी, ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता तथा समृद्धि के लिए उनकी साझेदारी को आगे बढ़ाया जा सके।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की यात्रा पर आए अपने जापानी समकक्ष को तोहफे के रूप में एक खास ‘कृष्ण पंखी’ भेंट किया। इस कृष्ण पंखी की खास बात है कि यह चंदन की लकड़ी से बनी है। साथ ही इसके किनारों पर कलात्मक आकृतियों के जरिए भगवान कृष्ण की विभिन्न मुद्राओं को भी उकेरा गया है।

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया गया कि इस पंखी को पारंपरिक उपकरणों के जरिए उकेरा गया है, जबकि इसके ऊपरी हिस्से पर हाथ से नक्काशी कर तैयार की गई मोर की आकृति है जो कि भारत का राष्ट्रीय पक्षी है।

यह कृष्ण पंखी राजस्थान के चुरू जिले के कुशल कारीगरों ने बनाई है। यह कलाकृति शुद्ध चंदन की लकड़ी से बनी है, जो कि मुख्य रूप से भारत के दक्षिणी भागों के जंगलों में मिलती है। दरअसल, जापानी पीएम 14वें भारत-जापान सालाना शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए हिंदुस्तान की यात्रा पर हैं।
गौरतलब है कि किशिदा ने मोदी के साथ यूक्रेन संकट सहित अन्य मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। इसके साथ ही जापान अगले पांच वर्षों तक भारत में 3,20,000 करोड़ रुपए के निवेश करने को लेकर ऐलान किया है। यह घोषणा 2014 की निवेश प्रोत्साहन साझेदारी के अनुरूप है, जब दोनों पक्ष 2014 से 2019 तक 3.5 ट्रिलियन येन के जापानी निवेश के लिए सहमत हुए थे। दोनों पक्षों ने एक अलग स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी को मजबूत करने के अलावा कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को विस्तार देने के लिए छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।

वहीं पीएम मोदी ने इस मुलाकात को लेकर मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि भारत-जापन भागीदारी को और गहन करना सिर्फ दोनों देशों के लिए ही महत्वपुर्ण नहीं है, बल्कि इससे हिन्द प्रशांत क्षेत्र और पूरे विश्व के स्तर पर भी शांति, समृद्धि और स्थिरता को प्रोत्साहन मिलेगा।

LIVE TV