ट्रंप प्रशासन की नई परमाणु नीति का जापान ने किया विरोध

टोक्यो। जापान में परमाणु हमले में जिंदा बच गए लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन ने शनिवार को अमेरिकी नीति में किए गए उस बदलाव का विरोध किया है, जिसमें परमाणु शस्त्रागार को आधुनिक बनाने और इसकी लांच क्षमता को बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है।

ट्रंप प्रशासन

जापान के सरकारी प्रसारक एनएचके के अनुसार, ए-और एच-बम पीड़ित संगठनों के जापान परिसंघ के सदस्य तोशियुकी मिमाकी ने इस संबंध में वाशिंगटन की रणनीति की निंदा की है और कहा है कि इससे वैश्विक स्तर पर परमाणु निशस्त्रीकरण में अवरोध पैदा होगा।

मिमाकी ने कहा, “अगर अमेरिका जैसे एक वैश्विक शक्ति का राष्ट्रपति अपनी परमाणु क्षमता को बढ़ाना और आधुनिक करना चाहता है, तो परमाणु हमले में जिंदा बचे लोग कभी भी परमाणु शस्त्र विहीन दुनिया नहीं देख पाएंगे।”

छह अगस्त, 1945 को जापान के हिरोशिमा शहर में अमेरिका द्वारा किए गए विध्वंसक परमाणु हमले के बाद जिंदा बचे मिमाकी ने कहा कि ये हथियार कभी भी दुनिया को एक सुरक्षित जगह नहीं बनाएंगे और इसका कभी भी इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

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जापान के विदेश मंत्री तारो कानो ने एक बयान में हालांकि वाशिंगटन की पहल का स्वागत किया और कहा कि यह निषेध की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने की बचनबद्धता दिखाता है।

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ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार को अमेरिकी परमाणु स्थिति समीक्षा पेश की। यह समीक्षा वर्ष 2010 में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा के द्वारा पेश समीक्षा के उलट है, जिसमें परमाणु शस्त्रागार में कमी करने का प्रस्ताव रखा गया था।

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