चिकित्सा के नोबेल पर अमेरिका ने जमाया कब्जा, कैंसर शोध में जापान ने मारी बाजी

स्टॉकहोम| चिकित्सा (मेडिसिन) के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार इस बार कैंसर के उपचार पर कार्य करने वाले दो शोधकर्ताओं को संयुक्त रूप से प्रदान करने की घोषणा की गई है। अमेरिका के जेम्स पी. एलिसन और जापान के तासुकू होंजो को कैंसर के इलाज के लिए पथप्रदर्शक उपचार विकसित करने के लिए संयुक्त रूप से चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्रदान करने की सोमवार को घोषणा की गई।
चिकित्सा के नोबेल पर अमेरिका ने जमाया कब्जा, कैंसर शोध में जापान ने मारी बाजी
दोनों वैज्ञानिकों ने कैंसर के इलाज के क्षेत्र में अपने शोध से क्रांति लाई है। उन्होंने बताया कि हमारा प्रतिरक्षी तंत्र किस प्रकार कैंसर की कोशिकाओं का सामना करता है। इनके द्वारा विकसित उपचार को ‘इम्यून चेकपॉइंट थेरेपी’ के नाम से जाना जाता है। इस थेरेपी से एडवांस्ड कैंसर के मरीजों के उपचार के नतीजे में काफी बदलाव आया।

कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट में आयोजित नोबेल असेंबली की ओर से एक बयान में कहा गया, “इस साल के नोबेल विजेताओं ने हमारे प्रतिरक्षी तंत्र की आंतरिक क्षमता को उत्तेजित कर कैंसर की कोशिकाओं पर हमला करने की विधि की खोज कर कैंसर उपचार के क्षेत्र में एक नया सिद्धांत स्थापित किया है।”
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अमेरिका के टेक्सास यूनिवर्सिटी के एमडी एंडरसन कैंसर सेंटर में प्रोफेसर एलिसन ने सीटीएलए-4 नामक प्रोटीन का अध्ययन किया है, जो प्रतिरक्षी तंत्र में गतिरोधक के रूप में कार्य करता है।

जापान के क्योटो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर होंजो ने प्रतिरक्षी तंत्र में जिन कोशिकाओं की खोज की है, वे भी गतिरोधक के रूप में काम करती हैं, मगर उनका कार्य करने का तरीका अलग है।

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