‘राफेल डील’ पर कांग्रेस को करारा जवाब, जेटली बोले- सुरक्षा से समझौता नहीं, प्रणब से सीखें पाठ

नई दिल्ली। केंद्र की सत्ता में भाजपा के आने के बाद से ही कांग्रेस उसे घेरने के लिए राफेल फाइटर जेट डील का मुद्दा उछालती रही है। अब इन दिनों सभी राजनीतिक पार्टियों एक मात्र लक्ष्य लोकसभा चुनाव है। इसलिए यह मुद्दा और भी तेजी पकड़ रहा है। ताजा मामले में बजट 2018-19 पर डिबेट के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने न केवल इस डील की डिटेल देने इनकार किया बल्कि सरकार के पक्ष को साफ़ करते हुए पूर्व प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी के पास जाकर उनसे सुरक्षा का पाठ लेने की सलाह भी दी।

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राफेल फाइटर जेट

खबरों के मुताबिक़ लोकसभा में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बजट 2018-19 पर डिबेट के दौरान सवालों के जवाब दिए।

वित्त मंत्री ने बजट में मिडिल क्लास को राहत, किसानों और रोजगार के लिए उठाए गए कदमों, देश की मौजूदा वित्तीय स्थिति, जीएसटी और आधार जैसे मुद्दों पर बात की।

इस दौरान राफेल डील की डिटेल के सवाल पर जेटली ने कहा, “कांग्रेस इसे (राफेल डील की डिटेल) को जनता के बीच मुद्दा बनाकर गंभीर रूप से देश की सुरक्षा के साथ समझौता कर रही है। कांग्रेस प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी के पास जाकर राष्ट्रीय सुरक्षा का पाठ सीखें।”

इसके बाद कांग्रेस समेत दूसरी अपोजिशन पार्टियों ने हंगामा शुरू कर दिया और लोकसभा स्थगित कर दी गई।

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अरुण जेटली ने कहा, “मोइली साहब (वीरप्पा मोइली) जब आपकी सरकार थी, तब आप पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे और इसलिए अब आप ये कोशिश कर रहे हैं कि करप्शन के आरोप बनाकर NDA पर लगाए जाएं। जब आपको कुछ नहीं मिला तो आपने कहा कि कृपया राफेल डील का प्राइज बता दीजिए।”

वित्त मंत्री बोले, “मेरे हाथ में कुछ डॉक्युमेंट हैं, जिनमें सदन में यूपीए सरकार ने जो जवाब दिए थे।। उनका जिक्र है। जब प्रणब मुखर्जी फाइनेंस मिनिस्टर थे, जब एके एंटनी डिफेंस मिनिस्टर थे। 14 दिसंबर 2005 को मैंने एक सवाल पूछा था कि हमें अमेरिका से खरीदे गए फाइटिंग वेपन सिस्टम की डिटेल और कॉस्ट के बारे में बताइए। तब प्रणब मुखर्जी ने कहा था कि आर्म्स और वेपन सिस्टम पर किए गए खर्च की डिटेल गोपनीय होती है और ये राष्ट्रहित में नहीं है कि उसे सदन में रखा जाए।”

उन्होंने कहा, “अब कल आप पूछेंगे कि आप इस देश से मिसाइल खरीद रहे हैं, आप कॉस्ट का ब्रेकअप बताइए। ऐसे में कॉस्ट का ब्रेकअप आपको बता देगा कि मिसाइल में कौन सा वेपन सिस्टम लगा है, उसकी खूबियां क्या हैं। ये भारत की सुरक्षा के हित में है कि उस प्राइस को कभी जाहिर ना किया जाए, ये एक रेस्पॉन्सिबल गवर्नेंस है। मोइली साहब आप इस देश के लॉ मिनिस्टर रहे हैं, आप जानते हैं कि जब आप प्राइस की स्पेसिफिक डिटेल बताते हैं तो आप उस वेपन सिस्टम की डिटेल दे रहे होते हैं और उनकी क्षमता के बारे में बता रहे होते हैं, जो आप दुश्मन को नहीं बताना चाहते। यूपीए के वक्त हमें 15 बार ऐसे जवाब मिले, जब हथियारों की खरीद की डिटेल बताने को राष्ट्रहित में नहीं बताया गया। मोइली जी अपने प्रेसिडेंट (राहुल गांधी) से कहिए कि वे प्रणब मुखर्जी के पास जाएं और राष्ट्रीय सुरक्षा का पाठ सीखें।”

जेटली बोले, “जब आप पर हर तरफ से करप्शन के आरोप लग रहे हैं और मोदी जी पिछले 4 साल से एक साफ सरकार चला रहे हैं तो आप समस्या खड़ी करने की कोशिश कर रहे हैं। मुद्दे बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा ही बनाया गया मुद्दा है कि हमें राफेल डील की डिटेल बताइए। मेरा आरोप है कि इसे (राफेल डील) को जनता के बीच मुद्दा बनाकर ये भारत की सुरक्षा के साथ गंभीर समझौता कर रहे हैं।”

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