किलों का राजा कहे जाने वाले राजस्थान में मंदिर के दर्शन पाना दुर्लभ नहीं होगा

जब भी कभी ऐतिहासिक विरासत निहारने का मन होता है तो राजस्थान से बेहतर कोई और राज्य हो ही नहीं सकता है। यह राज्य देश का एक गौरवशाली राज्य है। यहां की संस्कृति और किलों महलों से आपको इतना कुछ सीखने को मिलेगा कि आपने कभी सोचा ही नहीं होगा। अगर आपको कुछ अलग सीखना हो तो आपको एक बार राजस्थान जरुर जाना चाहिए। यहां आपके साथ-साथ आपके बच्चों को भी बहुत को भी बहुत कुछ सीखन को मिलेगा। इसलिए आज हम आपको राजस्थान के जैसलमेल के बारे में बताने जा रहे हैं। ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ यह शहर सांस्कृतिक रूप में काफी प्रसिद्ध है, आप यहां आकर्षक मंदिरों के देख सकते हैं।

राजस्थान में मंदिर

तनोट माता मंदिर

यह मंदिर मुख्य शहर से महज 78 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर जैसलमेल का एक बहुत ही खास मंदिर माना जाता है। आप इस मंदिर में जब जाए दर्शन का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि 1965 की ऐतिहासिक लड़ाई इसी मंदिर के पास हुई थी। यह मंदिर इसलिए भी बेहद खास माना जाता है कि क्योंकि पाक से लड़ाई के समय वहां से बम और गोली बरसाई गई लेकिन इस मंदिर को कोई छू भी न सका। मंदिर को छोड़कर आसपास का इलाका पूरी तरह से प्रभावित हुआ।

तनोट माता मंदिर

लक्ष्मीनाथ मंदिर

जैसलमेर के मंदिर की श्रृंखला में आप लक्ष्मीनाथ मंदिर के दर्शन का भी सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं। यह मंदिर प्रसिद्ध जैसलमेर के किले के अंदर स्थित है। लक्ष्मीनाथ मंदिर, देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु को समर्पित है। यह मंदिर श्रद्धालुओं के साथ-साथ भारी संख्या में जैसलमेर भ्रमण पर निकले पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण राव लुंकारन ने 1494 में किया था। यह एक आकर्षक मंदिर है, जो जैसलमेर किले परिसर को दिव्य बनाने का काम करता है। कला और इतिहास के प्रेमी यहां आ सकते हैं।

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जैन मंदिर

हिन्दू मंदिर के अलावा आप इस राज्य के जैसलमेर के जैन मंदिर के भी दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर यहां के जैन धर्म के अनुयायियों को समर्पित है। माना जाता है कि यह मंदिर जैन धर्म का 23 वें तीर्थकर को समर्पित है। इतिहास में आप जितना उतरेंगे उतना ही आपको बता लगेगा इस मंदिर को 900 साल पहले मुहम्मद गौरी ने 1152 ईस्वी में बर्बाद कर दिया था। बाद में वहां के लोगों ने खुद ही अपनी आस्था को ध्यान में रखते हुए इस मंदिर का निर्माण किया। अगर आपको और भी कुछ जानाना है इस मंदिर से जुड़ा तो आपको यहां पर आना ही होगा।

जैन मंदिर

रामदेव मंदिर

हिन्दू देवी देवताओं से अलग आप यहां के स्थानीय देवता रामदेव जी के मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं। यह मंदिर यहां के प्रसिद्ध राजपूत राजा को समर्पित है, जिन्होंने समाज के गरीब लोगों के लिए बहुत कुछ किया। रामदेव जी, 14 वीं शताब्दी से संबंध रखते हैं, माना जाता है कि उनमें चमत्कारी शक्ति थी, उन्होंने अपनी संपूर्ण जीवन दीन-हीनों की सेवा में लगा दिया। रामदेव मंदिर जैसलमेर के रामदेवरा गांव में स्थित है, यहां के लोग उन्हें इष्ट देव की तरह मानते हैं। अगस्त और सितंबर के दौरान यहां बड़े मेले का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें हिस्सा लेने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।

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चंद्रप्रभु मंदिर

अगर आप इस स्थान के सभी मंदिरों का दर्शन कर चुके हो तो अब आपको जैन समाज के इस मंदिर का भी दर्शन कर लेना चाहिए। यह मंदिर जैन धर्म के 8वें तीर्थस्थल चंद्रप्रभु को समर्पित है। यह मंदिर ऐसे ही बाहर के परिवेश में नहीं पाया जाता है। इस मंदिर की वास्तुकला देखने लायक है। इस मंदिर का निर्माण लाल बालू पत्थर से किया गया है। इतना ही नहीं यह मंदिर ऐसे खुले परिवेश में ना होकर गोल्डन फोर्ट के अंदर मौजूद है।

 

 

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