ISRO के ‘मानव अंतरिक्ष अभियान परियोजना’ से होगी रोजगार की बारिश

बेंगलुरु| भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने बुधवार को कहा कि भारत के मानव अंतरिक्ष अभियान परियोजना में करीब 15,000 नौकरियां पैदा होंगी। भारत ने 2022 तक मानव को अंतरिक्ष में भेजने का लक्ष्य रखा है।

ISRO के 'मानव अंतरिक्ष अभियान परियोजना' से होगी रोजगार की बारिश

इसरो प्रमुख ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “हमारा अनुमान है कि मानव अंतरिक्ष अभियान के तहत आने वाले कुछ वर्षो में करीब 15,000 नौकरियां पैदा होंगी। ”

इसरो कई सरकारी वैज्ञानिक संस्थानों, अकादमी, उद्योग और स्टार्टअप के सहयोग से अंतरिक्ष यान से मानव को भेजने की योजना पर काम कर रहा है।

अंतरिक्ष एजेंसी ने भारतीय अंतरिक्ष यात्री को धरती से 350-400 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में भेजने का लक्ष्य रखा है, जिसमें अंतरिक्ष यात्री एक सप्ताह तक अंतरिक्ष में रहे। इसरो इस लक्ष्य को 2022 तक पूरा करना चाहता है।
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सिवन ने कहा, “मानव की अंतरिक्ष की उड़ान सिर्फ इसरो की नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय परियोजना होगी क्योंकि इसमें हम कई संस्थानों, अकामियों और उद्योग का सहयोग लेंगे।”

भारतीय वायुसेना के पूर्व पायलट राकेश शर्मा अब तक एकमात्र भारतीय नागरिक हैं जो अंतरिक्ष में जा चुके हैं। वह कजाख सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक (तत्कालीन सोवियत संघ का अंग) से दो अप्रैल 1984 को अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरने वाले सोयुज टी-11 के क्रू का हिस्सा थे।

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