इजरायल ने ईरान पर अब तक का सबसे बड़ा सैन्य हमला शुरू किया, जिसे ऑपरेशन राइजिंग लायन नाम दिया गया। इस ऑपरेशन में इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) और मोसाद ने ईरान के परमाणु सुविधाओं, सैन्य ठिकानों और वरिष्ठ अधिकारियों के निजी आवासों को निशाना बनाया।

हमले में ईरान की मुख्य यूरेनियम संवर्धन सुविधा नटांज, इस्फहान में परमाणु संयंत्र, और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से जुड़े ठिकाने नष्ट हुए। इजरायली सेना ने 200 से अधिक लड़ाकू विमानों और पहले से ईरान में तस्करी किए गए ड्रोन्स का इस्तेमाल किया।
हमले में ईरान के शीर्ष सैन्य नेताओं—जनरल मोहम्मद बघेरी (सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ), जनरल होसैन सलामी (इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कमांडर), और जनरल अमीर अली हाजीज़adeh (IRGC एयरोस्पेस फोर्स के प्रमुख)—सहित छह परमाणु वैज्ञानिकों, जैसे फेरेहदून अब्बासी और मोहम्मद मेहदी तहरांची, की हत्या कर दी गई। ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्ला अली खामेनई के सलाहकार अली शमखानी भी गंभीर रूप से घायल हुए और बाद में उनकी मृत्यु हो गई।
14 जून 2025 को ईरान ने जवाबी कार्रवाई में ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस के तहत इजरायल पर 100 से अधिक ड्रोन्स और बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया। तेल अवीव और यरुशलम में विस्फोट हुए, जिसमें एक व्यक्ति की मौत और 34 लोग घायल हुए। ईरान की मिसाइलों ने इजरायल की आयरन डोम रक्षा प्रणाली को भेदने में आंशिक सफलता हासिल की। जवाब में, इजरायल ने शनिवार को तेहरान पर तीसरे चरण के हमले किए, जिसमें मेहराबाद हवाई अड्डे पर दो प्रोजेक्टाइल दागे गए, जो ईरानी नेतृत्व के करीबी सैन्य अड्डे के पास है।
हवाई हमलों का प्रभाव:
- इजरायल: तेल अवीव में एक हाई-राइज बिल्डिंग और रमात गान में एक अपार्टमेंट ब्लॉक क्षतिग्रस्त हुआ। इजरायल ने दावा किया कि उसने अधिकांश ईरानी मिसाइलों को रोक लिया, लेकिन नागरिकों को आश्रयों में रहने की सलाह दी गई।
- ईरान: इजरायली हमलों में 78 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे, और 320 से अधिक घायल हुए। नटांज सुविधा में रेडियोलॉजिकल और रासायनिक रिसाव की पुष्टि हुई, हालांकि ईरान ने दावा किया कि कोई रेडिएशन वृद्धि नहीं हुई। तेहरान के सादत अबाद में नागरिकों ने रात भर विस्फोटों की आवाज सुनी।
नेताओं की प्रतिक्रिया:
- बेंजामिन नेतन्याहू: इजरायली प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने ईरान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम को गहरा झटका दिया है। यह अभियान तब तक चलेगा जब तक ईरान का खतरा खत्म नहीं हो जाता।” उन्होंने ईरान को “हत्यारा इस्लामिक शासन” करार देते हुए इसे इजरायल और क्षेत्र के लिए “अस्तित्व का खतरा” बताया। नेतन्याहू ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई विश्व नेताओं से फोन पर बात की।
- आयतुल्ला अली खामेनई: ईरान के सुप्रीम लीडर ने इजरायल को “कड़वी और दर्दनाक सजा” की चेतावनी दी और कहा कि यह हमला “इजरायल को बर्बादी की ओर ले जाएगा।” उन्होंने नए IRGC कमांडर मोहम्मद पकपौर की नियुक्ति की।
- डोनाल्ड ट्रम्प: अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी सरकार हमलों में शामिल नहीं थी, लेकिन उन्हें इसकी पूरी जानकारी थी। उन्होंने ईरान को परमाणु समझौते के लिए बातचीत करने की सलाह दी, वरना “और क्रूर” हमले होंगे। ट्रम्प ने कहा, “मैंने ईरान को बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन अब भी देर नहीं हुई।” अमेरिकी वायु रक्षा प्रणालियां ईरानी मिसाइलों को रोकने में मदद कर रही हैं।
परमाणु विवाद का पृष्ठभूमि:
इजरायल का हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने की उसकी लंबे समय की रणनीति का हिस्सा है। इजरायल का दावा है कि ईरान 60% तक यूरेनियम संवर्धन कर रहा है, जो हथियार-ग्रेड स्तर के करीब है, और वह परमाणु बम बनाने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने जून 2025 में ईरान को परमाणु दायित्वों का पालन न करने वाला घोषित किया, जिसके बाद ईरान ने नया संवर्धन स्थल शुरू किया।
ट्रम्प प्रशासन और ईरान के बीच परमाणु समझौते के लिए ओमान की मध्यस्थता में छह दौर की वार्ता चल रही थी, लेकिन इजरायली हमले के बाद ईरान ने 15 जून की वार्ता रद्द कर दी। ईरान का कहना है कि अमेरिका ने इजरायल को हमले की अनुमति देकर बातचीत को “बेकार” कर दिया।
वैश्विक प्रतिक्रिया:
- संयुक्त राष्ट्र: महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों पक्षों से हमले रोकने और कूटनीति अपनाने की अपील की। IAEA ने नटांज हमले पर आपात बैठक बुलाई।
- भारत: विदेश मंत्रालय ने स्थिति पर “गहरी चिंता” जताई और दोनों देशों से तनाव न बढ़ाने की अपील की।
- सऊदी अरब: रियाद ने इजरायली हमलों की निंदा की और इसे ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन बताया।
- रूस: राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इजरायल और ईरान से तनाव कम करने की अपील की और मध्यस्थता की पेशकश की।
- संयुक्त राज्य: अमेरिका ने हमलों में प्रत्यक्ष भागीदारी से इनकार किया, लेकिन ईरानी मिसाइलों को रोकने में इजरायल की मदद की।