खतरों के बीच पढ़ रहा भारत का भविष्य, कभी भी हो सकती है अनहोनी

रिपोर्ट- अहमद हसन

जौनपुर। एक तरफ प्रदेश सहित केंद्र सरकार शिक्षा को लेकर देश में तमाम तरह की जागरूकता अभियान विभिन्न प्रकार की सुविधाएँ उपलब्ध करा रही है। जिससे सीखने व पढ़ने वालो बच्चो को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। क्यों कि बच्चे ही देश के भविष्य है। जब पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया। लेकिन जौनपुर की प्राथमिक विद्यालय का हाल देख व सुनकर हर परिजन अपने बच्चो को उस विद्यालय में भेजना सपनो में भी नही सोचेगा। जहां पर दो तरह से चारो  तरफ से मौत खड़ी है।

प्राथमिक विद्यालय

मुख्यमंत्री जी जरा इस विद्यालय पर भी अपनी नजर फेरे देखे कैसे जौनपुर के गोरारी प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वालो नौनिहाल के ऊपर मौत के बादल छाए हुये है। किसी भी समय कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है। उसकी वजह विद्यालय के ठीक ऊपर से 11 हजार वोल्टेज का हाई टेंसन तार गुजरा हुआ है। इसके अलावा विद्यालय में बने 5 कमरों में 3 भूकंप रोधी कमरा जर्जर हो गया है। स्कूलों के खस्ताहाल भवनों को देख अभिभावक भी बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं।बरसात के कारण कक्षा एक से पांच तक चलने वालो बच्चो को दो कमरों में पढ़ाया जा रहा है। एक कमरे में सैकड़ो अलग अलग क्लास के  बच्चो को शिक्षा दिया जा रहा है।

विद्यालय में पढ़ रहे नौनिहाल मासूम बच्चों के ऊपर दोहरा संकट के बादल मंडरा रहे है। जिसको लेकर ग्रामवासी समेत बच्चों के अभिवावक चिंतित है। विद्यालय में कुल 244 बच्चो को शिक्षा दिया जा रहा है। विद्यालय में बच्चे सुबह पहले पहुंच कर अपना खेलते कूदते है और समय होने पर कमरे के बाहर प्रार्थना कर पढ़ाई में लग जाते है। लेकिन सवाल इस बात का है कि विद्यालय के अंदर कमरे में व बाहर दोनों तरफ से नौनिहालों के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है।

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खुदा न खस्ता हो न कभी ऐसा लेकिन विद्यालय के ऊपर से गुजरे हुए हाईटेशन का  तार और जर्जर भूकंप रोधी भवन के कमरे गिरा तो कई मासूमों की ज़िंदगियां इस काल के गाल में खामोशी से समा जाएगी। विद्यालय की समस्याओं की शिकायत को गांव के प्रधान व विद्यालय के अध्यापिका ने लिखित जानकरी सम्बंधित विवाग को प्रार्थना पत्र  देकर अनुनयन विनयन भी किया लेकिन अभी तक किसी भी जिम्मेदारी अधिकारी का दिल नहीं पसीजा।

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