Indian Navy Day: 4 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है नौसेना दिवस, जानिए क्या है वजह

भारतीय नौसेना दिवस (Indian Navy Day) 4 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन देश के बहादुर जवानों को उनकी निडरता और उनकी बहादुरी के लिए याद किया जाता है। भारतीय नौसेना भारत के सैन्य बल का बहुत अहम हिस्सा है। यह देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नौसेना भारतीय सशस्त्र बलों की समुद्री शाखा है और भारत के राष्ट्रपति ही भारतीय नौसेना के कमांडर-इन-चीफ हैं।

कब हुई भारतीय नौसेना की स्थापना
इंडियन नेवी भारतीय सेना का सामुद्रिक भाग है। इसकी स्थापना 1612 में हुई थी। ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने जहाजों की सुरक्षा के लिए East India Company’s Marine के रूप में सेना का गठन किया था। 1892 में इसका नाम रॉयल इंडियन मरीन(Royal Indian Marine) रख दिया गया था। 26 जनवरी, 1950 को भारत के लोकतांत्रिक गणराज्य बनने के पश्चात इसका नाम बदलकर भारतीय नौसेना (Indian Navy) किया गया।

भारतीय नौसेना का बल
Global Fire Power की एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय नौसेना के पास कुल 285 जहाज, 1 एयरक्राफ्ट कैरियर, 13 फ्राइगेट्स, 10 विध्वंसक पोत, 19 कोर्वेट्स, 16 सबमरीन्स, 139 निगरानी जहाज और 3 माइन वारफेयर हैं, जो इसे विश्व में चौथी सबसे मजबूत नौसेना बनाते हैं। भारतीय नौसेना की ताकत दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।

क्या है नौसेना दिवस मनाने का कारण?
1971 में भारत-पाकिस्तान की लड़ाई में जीत हासिल करने वाली भारतीय नौसेना की शक्ति और बहादुरी को याद करते हुए नौसेना दिवस मनाया जाता है। ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ के तहत 4 दिसंबर, 1971 को भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची नौसैनिक अड्डे पर हमला बोल दिया था। इस ऑपरेशन की कामयाबी को ध्यान में रखते हुए 4 दिसंबर को हर साल नौसेना दिवस मनाया जाता है।

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