‘विदेशी खिलाडियों के लिए आईएसएल में भारतीयों से सीखने का मौका’

विदेशीनई दिल्ली। केरला ब्लास्टर्स के पूर्व कोच टेरी फेलान का मानना है कि इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में विदेशी खिलाड़ी मैदान पर और मैदान के बाहर भारतीय खिलाड़ियों से काफी कुछ सीख सकते हैं।

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आयरलैंड के लिए एक खिलाड़ी के तौर पर अपने करियर के दौरान, डिफेंडर के रूप में 42 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने वाले फेलान का मानना है कि आईएसएल में विदेशी खिलाड़ियों से अधिक राष्ट्रीय खिलाड़ियों को मौका मिलना चाहिए।

फेलान ने आईएएनएस से फोन पर कहा, “विदेशी खिलाड़ी इस लीग में भारतीय खिलाड़ियों से बहुत कुछ सीख सकते हैं। हम एक-दूसरे से सीख सकते हैं।”

उन्होंने कहा, “पांच या छह विदेशी खिलाड़ी अकेले एक टीम को जीत नहीं दिला सकते हैं।”

मैनचेस्टर सिटी के लिए 104 मैच खेलने वाले फेलान ने भारतीय टीम के स्टार खिलाड़ियों संदेश झिंगन, सुनील छेत्री और रोबिन सिंह की तारीफ की।

उन्होंने कहा, “सेंटर बैक झिंगन एक बड़े और मजबूत खिलाड़ी हैं। उनसे बहुत कुछ सीखा जा सकता है।”

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फेलान ने कहा, “सीख सकते हैं कि वह किस प्रकार अच्छे और बेहतर रूप से खेलते हैं? मुझे लगता है कि सुनील अच्छा खेल रहे हैं। रोबिन भी। उनसे बहुत कुछ सीखा जा सकता है। आईएसएल का असली संबंध भारतीय खिलाड़ियों से होना चाहिए।”

केरला ब्लास्टर्स क्लब ने फेलान के मार्गदर्शन में 2015 में आईएसएल सत्र खेला था। उनका कहना है कि अवसर मिलने पर वह एक बार फिर इस टीम से जुड़ना चाहेंगे। वर्तमान में वह चैम्पियंस लीग के लिए ‘सोनी टेन’ के साथ विशेषज्ञ के रूप में काम कर रहे हैं।

फेलान ने कहा, “मुझे लगता है कि यह एक सपना है। एक कोच के तौर पर आप निश्चित रूप से आईएसएल से जुड़ना पसंद करेंगे। मैं एक बार फिर केरला ब्लास्टर्स में शामिल होना चाहूंगा। अगर कोच्चि नहीं, तो आईएसएल की किसी अन्य टीम से।”

आईएसएल के चौथे सीजन में इंग्लैंड फुटबाल के स्टार खिलाड़ी दिमितार बेरबातोव, वेस ब्राउन और रॉबी कीने खेल रहे हैं।

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फेलान का मानना है कि अधिक उम्र होने के बावजूद ये खिलाड़ी अपनी-अपनी टीमों के लिए काफी योगदान दे सकते हैं। आईएसएल में खेलने का मतलब यह नहीं है कि वह कुछ योगदान नहीं दे सकते।

उन्होंने कहा कि भले ही यह खिलाड़ी अधिक न दौड़ पाएं, लेकिन जब तक यह मैदान पर रहेंगे अपनी टीम के लिए मौके बनाते रहेंगे, जिन्हें उनकी टीम के साथी खिलाड़ी गोल में तब्दील कर सकते हैं।

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