कभी गुजरात के CM रुपानी भी आए थे म्यांमार से भारत, पढ़िए पूरी कहानी

विजय रुपानीनई दिल्ली। रोहिंग्या मुस्लिमों का मुद्दा इस समय बहुत तूल पकड़े हुए है। हमारे देश में भी हर दूसरे दिन किसी बड़ी हस्ती द्वारा इनसे संबंधित बयान आ ही जाता है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि रोहिंग्या शरणार्थी नहीं घुसपैठिए हैं और देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। इसलिए वह भारत में नहीं आ सकते।

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इन सब मुद्दों के बीच एक दिलचस्प बात सामने आई है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी का भी म्यांमार (बर्मा) से पुराना नाता है।

विजय रुपानी की वेबसाइट www।vijayrupani.in के अनुसार, उनका जन्म 2 अगस्त 1956 को बर्मा के रंगून (अब यांगून) में हुआ था। उनका परिवार 1960 में बेहतर जीवन के लिए बर्मा से गुजरात शिफ्ट हो गया था।

लेकिन अगर पन्ने पलट कर देखा जाए तो सिक्के का दूसरा पहलू ही सामने आता है। विकीपीडीया पर रुपानी की प्रोफाइल पर नज़र डालें तो वह कहती है कि इनके परिवार का बर्मा छोड़ने का कारण उस दौरान वहां चल रही राजनीतिक हलचल थी। रुपानी 1971 में ही जनसंघ से जुड़ गए थे और इमरजेंसी के दौरान मीसा के तहत 11 महीनों तक जेल में बंद भी रहे थे।

रूपानी एक प्राइवेट बिजनेस परिवार से आते हैं। 1962 के दौरान म्यांमार में सैन्य तख्तापलट हुआ। तख्तापलट के दौरान प्राइवेट बिजनेस को सरकार के अधीन किया जा रहा था, जिससे परेशान हो कई बिजनेसमैन बर्मा छोड़ कर चले गए। उसी समय के दौरान रूपानी के परिवार ने भी भारत की तरफ रुख मोड़ लिया।

‘रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थी नहीं, देश में एंट्री अवैध, जल्द होनी चाहिए वापसी’

आजकल के संदर्भ में देखा जाए तो रोहिंग्या मसले पर केंद्र सरकार का रुख अभी तक काफी कड़ा रहा है। समय-समय पर केंद्रीय मंत्रियों ने रोहिंग्या के भारत में आने का विरोध किया है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को ही कहा है कि रोहिंग्या शरणार्थी नहीं है, वे शरणार्थी के रूप में भारत में नहीं आए हैं।

राजनाथ ने कहा, ”केंद्र सरकार को देश की सुरक्षा के अनुसार फैसला लेने का अधिकार है।”

क्या कहते हैं आंकड़े?

गृह मंत्रालय के मुताबिक, वैध तौर पर 14 हजार से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थी भारत में रह केंद्र ने कहा कि कुछ रोहिग्या शरणार्थियों के पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से संपर्क का पता चला है। ऐसे में ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से खतरा साबित हो सकते हैं। जबकि 40 हजार से ज्यादा ऐसे हैं, जो अवैध रूप से शरण लिए हुए हैं।

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म्यांमार से क्यों भाग रहे रोहिंग्या?

रोहिंग्या मुस्लिमों पर म्यांमार में अत्याचार हो रहा है। सरकार की ओर से ही उनके घरों को जलाया जा रहा है, जिसकी कड़ी निंदा की जा रही है। म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची ने अपने बयान में कहा था कि रोहिंग्या मुस्लिम आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं, वह देश के लिए खतरा हैं।

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