
देहरादून। भारत-नेपाल के बीच चौथी बाउंड्री वर्किंग ग्रुप(बीडब्ल्यूजी) की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि इंडो-नेपाल बॉर्डर पर सीमांकन के लिए लगाए जाने वाले पिलर्स भारत डिजाइन करेगा। इसके दौरान सरहद पर निगरानी और भी सख्त कर दिये जाएंगे। यह तय हुआ है इंडो-नेपाल बाउंड्री ग्रुप (बीडब्ल्यूजी) की तीन दिवसीय बैठक में।
बुधवार को चौथी बैठक यहां संपन्न हो गई। दोनों देशों के महासर्वेक्षकों ने विभिन्न बिंदुओं पर सहमति के बाद दस्तावेज पर दस्तखत किए। बीडब्ल्यूजी की पांचवीं बैठक अगले साल नेपाल में होगी।
इंडो-नेपाल बॉर्डर ग्रुप की चौथी बैठक में दोनों देशों के बीच सीमांकन से संबंधित कार्यों के लिए पांच साल का प्लान तैयार किया गया। सरहद के कार्यों को इन सालों में पूरा किया जाना है। भारत के महासर्वेक्षक मेजर जनरल वीपी श्रीवास्तव ने बताया कि पिलर्स की डिजाइन देश में तैयार की जाएगी।
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पिलर्स सीमा सशस्त्र बल (एसएसबी) लगाएगा। जहां जरूरत होगी वहां पिलर्स को मजबूती देने के लिए डिजाइन में हल्का फेर-बदल भी किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि बैठक में कार्यों को पूरा करने के प्लान पर सहमति हो गई है।