अगले 20 सालों में वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रकचर के रूप में दिखेगा भारत

भारत अगले 20 सालों मेंनई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को उम्मीद जताई कि भारत अगले 20 सालों में ‘विश्वस्तरीय अवसंरचना’ तैयार करने में सक्षम हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस समय सीमा में उनके विश्वास का आधार यह है कि किस प्रकार से देश एक ‘आकांक्षी समाज’ में बदल रहा है, जोकि 1991 में किए गए आर्थिक उदारीकरण का नतीजा है। यहां वार्षिक रक्षा संपदा दिवस पर अपने व्याख्यान में जेटली ने कहा, “आर्थिक विकास की खोज राज्यों के संसाधनों को बेहतर बनाने में मदद करेगा, और देश को उम्मीद है कि वह धीरे-धीरे मध्य-आय वाले देश के स्तर तक पहुंच जाएगा, जैसा कि बहुपक्षीय एजेंसियों ने भी अनुमान लगाया है।”

जेटली ने कहा, “अगले दो दशकों में उम्मीद है कि भारत यह कहने में सक्षम होगा कि उसके पास विकसित अवसंचरना है, जो दुनिया के किसी भी हिस्से जितना अच्छा है।”

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उन्होंने कहा कि 1991 से पहले देश की अर्थव्यवस्था विनियमित थी और विकास दर बहुत ही कम थी, जिससे अवसंरचना पर खर्च के लिए धन की कमी थी। उन्होंने कहा कि अब स्थिति बदल गई है और ‘भारत में आज विश्वस्तरीय अवसरंचना बनाने की क्षमता है।’

जेटली ने कहा कि विकास के लिए अवसंरचना में निवेश बहुत जरूरी है, जिसमें विदेशी निवेश आ रहा है। उन्होंने कहा कि राजमार्गो, हवाईअड्डों और सड़कों में निजी निवेश आ रहा है और ग्राहक भी इस अवसरंचना का प्रयोग करने के लिए शुल्क चुकाने को तैयार हैं।

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उन्होंने कहा, “यह एक चक्र है.. बिना अवसंरचना के विदेशी निवेशक नहीं आएंगे, इसलिए इसमें निवेश की जरूरत है।”

जेटली ने कहा, “उदाहरण के लिए गुजरात और आंध्र प्रदेश में निजी बंदरगाह अधिक कुशल और वाणिज्यिक रूप से व्यवहार्य हैं। नौवहन मंत्रालय अब निजी क्षेत्र को बढ़ावा दे रहा है।”

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