UNGA में भारत ने पाकिस्तान को दिया करारा जवाब, हिंदू, सिख और ईसाई समुदाय पर ये बातें हुईं

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भारत ने पाकिस्तान को कायदे से धर्मनिरपेक्षता का पाठ बढ़ाते हुए कश्मीर मुद्दे पर उसके झूठ को बेनकाब कर दिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ द्वारा संयुक्त राष्ट्र में उठाए गए झूठे मुद्दों का पर्दाफाश करते हुए भारत के प्रतिनिधि ने कहा जिस देश में अल्पसंख्यक खत्म होने की कगार पर हों, जहाँ उनकी लड़कियों को अगवा कर उनसे शादी करना एक सामान्य प्रक्रिया बना दिया गया हो, वो देश अगर भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की बात ही न करे तो बेहतर है।

भारत ने शुक्रवार को भारत में अल्पसंख्यकों और कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा की गई टिप्पणी के खिलाफ अपने ‘जवाब के अधिकार’ का प्रयोग करते हुए पाकिस्तान के झूठे प्रपंच को दुनिया के सामने उजागर कर दिया। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की बहस के 77 वें सत्र में भारतीय राजनयिक मिजिटो विनिटो ने भारत पर झूठे आरोप लगाने से पहले पाकिस्तान को आत्मनिरीक्षण करने की याद दिलाई। भारतीय राजनयिक मिजिटो विनिटो ने कहा कि यह खेदजनक है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत के खिलाफ झूठे आरोप लगाने के लिए इस सम्मानित सभा का मंच चुना है। उन्होंने अपने ही देश में कुकर्मों को छिपाने और भारत के खिलाफ कार्रवाई को सही ठहराने के लिए ऐसा किया है जिसे दुनिया कभी स्वीकार नहीं सकती।

पाकिस्तान में किया जा रहा जबरन धर्मांतरण, लड़कियों का अपहरण

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचारों की ओर वैश्विक समुदाय का ध्यान दिलाते हुए भारतीय राजनयिक ने हिंदू, सिख और ईसाई समुदाय की लड़कियों के जबरन अपहरण और फिर उनके शादी की हालिया घटनाओं का उल्लेख किया। “पाकिस्तान के भीतर चलाए जा रहे धर्मांतरण,” का उन्होंने उल्लेख किया। भारतीय राजनयिक ने कहा कि पाकिस्तान में किया जा रहा यह कुकृत्य “यह मानवाधिकारों के उल्लंघन के बारे में है, अल्पसंख्यक अधिकारों के उल्लंघन के बारे में है और बुनियादी शालीनता के उल्लंघन के बारे में है।”

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सीमापार आतंकवाद का प्रायोजक है पाकिस्तान

भारतीय राजनयिक मिजिटो विनिटो ने कहा कि एक राज्य जो यह दावा करता है कि वह अपने पड़ोसियों के साथ शांति चाहता है, वह कभी भी सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित नहीं करेगा। न ही यह भयानक मुंबई आतंकवादी हमले के योजनाकारों को आश्रय देगा, और केवल अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव में उनके अस्तित्व का खुलासा करेगा। भारत के प्रतिनिधि ने कहा कि, “ऐसा देश पड़ोसियों के खिलाफ अनुचित और अस्थिर क्षेत्रीय दावे नहीं करेगा। यह उनकी भूमि का लालच नहीं करेगा और न ही अवैध रूप से उन्हें अपने साथ एकीकृत करने की कोशिश करेगा।

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