कलयुग में रावण के इस अंग को घर में रखने से होता है परिवार का भला

रिपोर्ट- राजन गुप्ता 

मिर्जापुर। विजयदशमी के मौके पर जहां पूरे देश में रावण का पुतला दहन कर बुराई पर अच्छाई का पर्व विजयदशमी मनाया गया। वहीं मिर्जापुर के  विंध्याचल धाम में भगवान शिव के परम भक्त रावण का भगवान राम के हाथों बाण लगते ही स्थानीय लोगों ने रावण को लूट लिया गया।

ravan ki haddiyan

ऐसी मान्यता है की जिस घर में रावण की अस्थियां होती है उस घर की रावण भूत प्रेत, टोना और टोटका से बचाव तो करता ही है साथ ही खटमलों को भी घर में नहीं घुसने देता। यानि रावण पूरे साल घर की रखवाली करते हुए परिवार को दुष्ट आत्माओं से मुक्ति दिलाता है।

लंका का राजा रावण शिव का परम भक्त था। महाज्ञानी रावण का पुतला दशहरा पर देश के अधिकांश हिस्सों में जलाया जाता है परन्तु शक्ति पीठ विंध्याचल में रावण के पुतले का दहन नहीं किया जाता है। हनुमान के हमले और भगवान राम के बाण छोड़ने पर जनता रावण के पुतले पर टूट पड़ती है और उसमे लगे बांस को लूटने के लिए पुतले पर टूट पड़ती है। सदियों से चली आ रही मान्यता के अनुसार रावण के अस्थि के रूप में लगे बांस को रखने से लोगों को भूत प्रेत आदि बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

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त्रेतायुग में लंका का राजा रावण था वह मरने के बाद भी कलयुग में विंध्य क्षेत्र में रहने वाले के घर की रखवाली करते हुए उन्हें भूत प्रेत , लंकिनी डंकिनी समेत तमाम बुरी आत्माओं से बचाता है। इतना ही नहीं वह अपने पुतले में लगने वाले बांस का टुकड़ा रखने वाले घर में खटमलों से भी बचाता है।

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