मेघालय जाकर भी इन व्यंजनों को नहीं खाया तो, पैसे बर्बाद

भारत में खाने-पीने का अपना अलग ही मजा है। यहां पर कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हर तरह के पकवान मिल जाएंगे। भारत में भाषा की विविधता के साथ ही खान-पान के टेस्ट में भी फर्क है। अगर मेघालय की बात की जाए तो यहां पर मंगोलियाई जनजतियां कई व्यंजनों को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करते हैं। मेघालय का खान-पान हर जगह से काफी अलग है। आज हम आपको मेघालय के खान-पान के साथ वहां के पर्यटनों के बारे में बताने जा रहे हैं।

दोह-नेईओंग

जाधो

जाधो मेघालय के खासी समुदाय का एक बहुत ही लोकप्रिय व्यंजन है। जिसके खूबसूरत रंग और खुशबू को महसूस करते ही भूख लगने लगती है। जाधो मुख्य रूप से लाल चावल होता है जो पोर्क, चिकन या मछली के साथ पकाया जाता है। जायका बढ़ाने के लिए इसमें ढेर सारे मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। इस स्वादिष्ट व्यंजन को बनाने के लिए पहले हरी मिर्च, प्याज, अदरक, हल्दी, काली मिर्च और तेज पत्तों का मिश्रण बनाया जाता है, जिसके बाद मांस के छोटे-छोटे टूकड़ों के साथ तला जाता है। बाद में इसमें लाल चावल जाधो मिलाकर पकाया जाता है। अपनी पसंद के अनुसार आप इसमें पोर्क, चिकन या मछली का इस्तेमाल कर सकते हैं।

जाधो

दोह-खलीह

दोह-खलीह मेघालय का फेमस भोजन है। इसको बनाने के लिए प्याज, मिर्च में मिन्स पोर्क ( सूअर के मांस का कीमा) का इस्तेमाल किया जाता है। इस डिश को रोटी और चावल के साथ भी खाया जा सकता है। अगर आप इस डिश में मैक्सिकन टच देना चाहते हैं तो सेम, टमाटर,गाजर और नींबू का भी इस्तेमाल किया जाता है। जिन लोगों के दिल से जुड़ी कोई भी समस्या है तो वह लोग इस डिश का सेवन न करें।

दोह-खलीह

दोह-नेईओंग

दोह-नेईओंग मेघालय के खास व्यंजनों में गिना जाता है, पोर्क से शौकीन लोगों को यह डिश बहुत ही पसंद आएगी। दरअसल यह एक पोर्क करी है, जिसे बड़े शानदार तरीके से पकाया जाता है। इसमें फ्राइड पोर्क को चावल और गाढ़ी ग्रेवी(हरी मिर्च, काली मिर्च, लाल प्याज, स्थानीय मसालों और काले तिल के साथ बनाई जाती है) जो के साथ परोसा जाता है। काला तिल व्यंजन का मुख्य अंग होता है, जो इसे एक अनूठा स्वाद देता है। अगर आप पोर्क के शौकीन हैं तो इस डिश को जरूर ट्राई करें।

दोह-नेईओंग

नखम बितची

यह एक तरह का सूप है। जिसे भोजन से पहले लिया जाता है। नखम एक मछली है जिसे सूरज की रोशनी में सुखाया जाता है। सूप बनाने के ले इसे पहले तला जाता है। फिर इसे पानी में उबाला जाता है। सूखी मछली को उबालने के बाद इसे स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें बहुत सारी मिर्च और काली मिर्च के साथ पकाया जाता है।

दोह-खलीह

मिनी सोंगा

इस सभी व्यंजनों को साथ आप भी मेघालय का मिनी सोंगा ट्राई कर सकते हैं। यह इय राज्य का काफी फेमस व्यंजनों में से एक है। इसे चावल से साथ पकाया जाता है। जिसमें थोड़ा नटी फ्लेवर भी जोड़ा जाता है। इसमें स्टार्च की एक बड़ी मात्रा पाई जाती है। इस डिस को स्नैक्स के तौर पर खाया जाता है।

मिनी सोंगा

 

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