ऐसे करें असली खोया की पहचान, वरना होली पर किडनी और कैंसर की बीमारी ले डूबेगी

नई दिल्ली। होली का त्यौहार आते ही लोगों में हर्षोल्लास का माहौल बन जाता है। हर तरफ बिखरे रंग और घरों में बनी मिठाईयां इस त्यौहार में चार चांद लगा देते हैं। इस साल होली 2 मार्च 2018 को मनाई जाएगी और 1 मार्च 2018 को होलिका दहन किया जाएगा। होली के मौके पर मिठाई, खासतौर पर गुझिया हर घर में बनाई जाती है। गुझिया बनाने के लिए सबसे महत्वपूरण होता है खोया। अक्सर लोग इसे पहचानने में गलतियां कर देते हैं। लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि असली खोया को कैसे पहचाने और नकली खोया खाने से शरीर को क्या-क्या नुकसान होता है।

खोया

-हथेली पर खोया को लेकर उसकी गोली बनाएं। अगर यह फटने लग जाए तो समझिए मावा नकली है या इसमें मिलावट की गई है।

-मावा या खोया को अपने अंगूठे के नाखून पर रगड़ें। अगर यह असली है तो इसमें से घी की महक आएगी और खुशबू देर तक रहेगी।

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-नकली मावे को परखने के लिए पानी में डालकर फेंटने से वह दानेदार टुकडों में अलग हो जाएगा।

-थोड़ा मावा आप खाकर देखिए अगर असली होगा तो मुंह में नहीं चिपकेगा जबकि नकली मावा चिपक जाएगा।

-असली मावे को खाने पर कच्चे दूध जैसा आएगा।

-मावे में थोड़ी चीनी डालकर गरम करें। अगर ये पानी छोड़ने लगे तो यह नकली खोया है।

-2 ग्राम मावा का 5 मिलीलीटर गरम पानी में घोल लें और इसे ठंडा होने दें। ठंडा होने के बाद इसमें आयोडीन सोलूशन डालें। अगर खोया नकली होगा तो इसका रंग नीला हो जाएगा।

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नकली खोया खाने के नुकसान

नकली खोये में यूरिया समेत साबुन के सारे प्रोडक्ट मिले होते हैं। इसे खाने से व्यक्ति को उल्टी,दस्त और पेट दर्द जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। साथ ही इसका सीधा असर लीवर और फेफड़ा पर भी पड़ता है।

अगर नकली खोया का सेवन चार से छह बार कर लिया जाय तो गुर्दा भी फेल हो सकता है। यहां तक कि नकली खोये से कैंसर जैसी घातक बीमारी होने का भी खतरा रहता है।

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