UN में भारत की बड़ी जीत, फिर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के जज चुने गए दलवीर भंडारी

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिसनई दिल्ली। इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में भारत का एक बार फिर बड़ा नाम हुआ है। जस्टिस दलवीर भंडारी को जज चुन लिया गया है। उन्हें जनरल एसेंबली में 183 मत मिले जबकि सिक्योरिटी काउंसिल में जस्टिस भंडारी को 15 मत मिले।

इस बार के आईसीजे चुनाव में हर पल नए- नए मोड़ देखने को मिले। आपको बता दें कि जस्टिस दलबीर भंडारी इस ऑर्गनाइजेशन में दो बार पहुंचने वाले दूसरे भारतीय हैं। जस्टिस भंडारी का टैन्योर 9 साल का होगा।

अभी का उनका टैन्योर 2012 से शुरू हुआ था। इससे पहले भारत से जस्टिस नगेंद्रसिंह इस ऑर्गनाइजेशन में दो बार चुने जा चुके हैं। भंडारी का मुकाबला ब्रिटेन के उम्मीदवार क्रिस्टोफर ग्रीनवुड से था। जिनसे वह 11वें राउंड तक आगे रहे हैं।

उन्हें यह जीत 12वें राउंड में मिली है। इसके पहले 11वें मुकाबले तक जस्टिस दलबीर भंडारी जनरल एसेंबली में तो आगे थे लेकिन उनके पास सिक्योरिटी काउंसिल में क्रिस्टोफर ग्रीनवुड से कम वोट थे। उन्हें हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में चुना गया है।

जानिए क्या है इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस

आईसीजे यूएन का महत्वपूर्ण न्यायिक अंग है। इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र के चार्टर द्वारा जून 1945 में की गई थी और अप्रैल 1946 में आईसीजे ने काम करना शुरू किया था।

इसका मुख्यालय हेग शहर में है।

यह न्यायालय संयुक्त छह प्रमुख अंगों में से एक मात्र ऐसा अंग है जो कि न्यूयॉर्क (अमेरिका) में स्थित नहीं है।

न्यायालय के प्रशासनिक व्यय का भार संयुक्त राष्ट्र संघ उठाता है।

आईसीजे में कुल 15 जज होते हैं, जिनका कार्यकाल 9 साल के लिए होता है।

इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद द्वारा चुने जाते हैं।

महत्वपूर्ण कार्य : इसके दो महत्वपूर्ण काम है। पहला, अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार यह कानूनी विवादों पर फैसला सुनाता है। यानी आमतौर पर दो देशों के बीच विवाद पर फैसले सुनाता है।

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