PNB के बाद ICICI ! 3250 करोड़ का झोल, बैंक CEO के पति को कंपनी ‘गिफ्ट’

नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक महाघोटाला के बाद एक और बड़ा झोल उजागर हुआ। मामले में वीडियोकॉन समूह के मुखिया वेणुगोपाल धूत के साथ आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और उनके दो रिश्तेदारों का भी नाम शामिल बताया जा रहा है। मामला है 64 करोड़ रूपये का, जिसे आईसीआईसीआई बैंक से लोन लिया गया। एक कंपनी के नाम पर जिसे वेणुगोपाल धूत और दीपक कोचर ने साझेदारी में खोला। बाद में महज नौ लाख रुपये में कंपनी दीपक कोचर को सौंप दी गई।

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आईसीआईसीआई बैंक

खबरों के मुताबिक़ कंपनी के हस्तांतरण से छह महीने पहले ही आईसीआईसीआई बैंक ने 3250 करोड़ का लोन वीडियोकॉन ग्रुप को दिया। ऐसे में लोन मिलने के बाद वीडियोकॉन ग्रुप के मालिक की ओर से बैंक की सीईओ के पति को कंपनी का मालिकाना हक देने पर सवाल उठ रहे हैं। लोन के बदले में बैंक की सीईओ के पति पर लाभ उठाने के संकेत मिल रहे हैं।

खास बात है कि 2017 में जब वीडियोकॉन पर 2810 करोड़ रुपये का कर्ज था, तब इसे एनपीए घोषित कर दिया गया था।

वहीं दिसंबर 2008 में वीडियोकॉन समूह के मुखिया वेणुगोपाल धूत ने आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और उनके दो रिश्तेदारों के साथ मिलकर कंपनी खड़ी की।

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फिर कंपनी के लिए 64 करोड़ रुपये का लोन पास हुआ। बाद में सिर्फ नौ लाख रुपये में कंपनी दीपक कोचर के हवाले कर दी गई।

जानकारी के मुताबिक़ धूत अपने परिवार के सदस्यों के साथ इस कंपनी में पचास प्रतिशत शेयर के मालिक थे। बाकी पचास प्रतिशत शेयर दीपक कोचर और उनके पिता तथा चंदा कोचर के भाई की पत्नी के पास था।

जनवरी 2009 में धूत ने कंपनी के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया। फिर धूत ने अपने 24,999 शेयर कोचर को ढाई लाख में बेच दिए।

मार्च 2010 में नू पॉवर ने 64 करोड का लोन एक दूसरी सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से हासिल किया। इस कंपनी के 99.9 प्रतिशत शेयर के मालिक वेणुगोपाल थे।

नवंबर 2010 में धूत ने सभी शेयर सुप्रीम एनर्जी के अपने सहयोगी महेश चंद्र पुंगलिया के हवाले कर दिया।

29 सितंबर 2012 से 29 अप्रैल 2013 के बीच पुंगलिया ने दीपक कोचर के पिंकल एनर्जी नामक ट्रस्ट के हवाले अपनी संपत्ति कर दी। इस ट्रस्ट के दीपक कोचर मैनेजिंग ट्रस्टी रहे।

ख़ास यह कि पुंगलिया ने सिर्फ नौ लाख में ही समूचे शेयर दे दिए। फिर सुप्रीम एनर्जी ने न्यू पॉवर को 64 करोड़ का लोन दिया।

फिर 2012 में आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन को 3250 करोड़ का लोन दिया। 2017 में जब वीडियोकॉन समूह 2810 करोड़ के कर्ज तले दबा था, तभी आईसीआईसीआई ने इसे एनपीए में डाल दिया।

खबरों की माने तो पूरे मामले की जांच केंद्रीय एजेंसियां कर रहीं हैं। खुलासा करने वाले इंडियन एक्सप्रेस ने इस केस से जुड़े सवालों के जवाब के लिए आईसीआईसीआई बैंक को प्रश्नावली भेजी थी।

जिसके जवाब में बैंक ने बुधवार(28 मार्च) क प्रेस रिलीज जारी कर कहा था कि भाई-भतीजावाद या हितों के टकराव को लेकर जो भी आरोप लग रहे हैं, वे अफवाह हैं। इस तरह की बातें कहकर बैंक की साख को खराब करने की कोशिश हो रही है। हालांकि बैंक ने वीडियोकॉन मालिक और दीपक कोचर के बीच लेन-देन को लेकर जवाब नहीं दिया।

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