ICICI बैंक की पहली महिला CEO कैसे पहुचीं शिखर से शून्य तक

आईसीआईसीआईसी बैंक की पूर्व एमडी व सीईओ रही चंदा कोचर की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। बैंक ने उनको कदाचार का दोषी पाया है। 9 साल की नौकरी में चंदा ने बैंकिंग क्षेत्र में बड़ा नाम कमाया, लेकिन अब बैंक ने 2009 से मिले बोनस से लेकर के भविष्य में मिलने वाली कई सुविधाओं को वापस ले लिया है। अब जस्टिस बी.एन श्रीकृष्णा की रिपोर्ट जारी होने के बाद बैंक ने कड़ा कदम उठाते हुए उनको मिलने वाली सारी सुविधाओं को वापस ले लिया है।

चंदा कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक में 1984 में मैनेजमेंट ट्रेनी नौकरी शुरू की थी। 2009 में उनको बैंक का सीईओ नियुक्त किया गया था। देश के किसी बैंक की पहली महिला सीईओ बनने वाली चंदा राजस्थान के जोधपुर से हैं। 2009 में 48 साल की चंदा किसी बैंक की सबसे युवा सीईओ थीं।
वीडियोकॉन विवाद से छवि हुई धूमिल
वीडियोकॉन विवाद में नाम आने के बाद चंदा कोचर की छवि धूमिल हो गई।
सीबीआई ने दर्ज किया केस।
2011 में राष्ट्रपति के हाथों देश का दूसरा सबसे बड़ा राष्ट्रीय सम्मान पद्मभूषण दिया गया।
फोर्ब्स और फार्च्यून पत्रिकाओं द्वारा विश्व की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में कई सालों तक शामिल होती रही हैं।
उनके नेतृत्व में ही आईसीआईसीआई बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा निजी बैंक बना।
बैंकिंग क्षेत्र में किया बड़ा घोटाला।

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दिसंबर 2008 – वेणुगोपाल धूत, दीपक कोचर और उनका भाई राजीव कोचर साझेदारी में न्यूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी स्थापित करते हैं।
चंदा कोचर 2009 में आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ बनती हैं।
जनवरी 2009 – धूत न्यूपावर के अपने 25000 शेयर ढाई लाख रुपये में दीपक कोचर को बेच देते हैं।
जून 2009 – धूत न्यूपावर से अपना शेयर निकाल कर अपनी कंपनी सुप्रीम एनर्जी में डाल देते है। यानी साझेदारी खत्म।
मार्च 2010 – धूत की सुप्रीम एनर्जी न्यूपावर को 64 करोड़ रुपये का कर्ज देती है।
मार्च 2012 – धूत सुप्रीम एनर्जी के सारे शेयर दीपक कोचर के पिनेकल ट्रस्ट को नौ लाख रुपये में बेच देते हैं। यानी कोचर धूत से लिया 64 करोड़ का कर्ज मात्र नौ लाख रुपये में अदा कर देते हैं।
अप्रैल 2012 – आईसीआईसीआई बैंक वीडियोकॉन समूह की पांच कंपनियों को 3250 करोड़ रुपये का कर्ज देता है।
अप्रैल 2012 – टैक्स हैवेन माने जाने वाले मारीशस की कंपनी फर्स्टलैंड होल्डिंग्स कोचर की न्यूपावर में 325 करोड़ रूपया डालती है। यानी कर्ज की राशि की दस फीसदी।
कर्ज की इस रकम में से 2810 रुपये यानी 86 प्रतिशत राशि आज तक अदा नहीं की गई है। बैंक ने 2017 में इसे एनपीए करार दे बट्टे खाते में डाल दिया।
अप्रैल 2012 – आईसीआईसीआई बैंक वीडियोकॉन समूह की टैक्स हैवन माने जाने वाले केमैन द्वीप स्थित कंपनी को 660 करोड रुपये का कर्ज देती है।
मॉरीशस स्थित डीएच रीन्यूएबल्स कोचर की न्यूपावर में 66 करोड़ रूपया डालती है। यानी कर्ज की राशि का दस फीसदी।

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