हरियाणा के गांवों में बाढ़ जैसे हालात, मुख्यमंत्री ने आपात बैठक बुलाई
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यमुनानगर के पास के गांवों में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए अपने आवास पर आपात बैठक बुलाई। हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने से यहां बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे कम से कम 10 गांव डूब गए हैं।
यमुनानगर शहर के बाहरी इलाके में स्थित मंडी गांव के एक निवासी जुबैर खान ने एक समाचार चैनल से कहा, “सरकार से कोई सहायता नहीं मिली है। शनिवार रात को अचानक जलस्तर बढ़ने से राशन और घर के सामान बर्बाद हो गए।”
उसने कहा, “मवेशी के लिए चारा नहीं है। सरकार ने हमें गांव छोड़ने के लिए कहा है, लेकिन हम हमारे मवेशी की वजह से नहीं जा सकते।”
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सरकार ने शनिवार को यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिलों में हाई अलर्ट जारी किया था।
यमुनानगर उपायुक्त गिरीश अरोड़ा ने कहा कि भारतीय सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल को राहत व बचाव कार्य के लिए अलर्ट पर रखा गया है।
अधिकारियों ने कहा कि नदी के बढ़े हुए जलस्तर की वजह से यमुना जलग्रहण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को वहां से सुरक्षित निकाला गया है।
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हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कई जगहों पर भारी बारिश हो रही है। अधिकारियों ने हथिनीकुंड से इस दौरान ज्यादा पानी छोड़ा है।
यमुनानगर प्रशासन ने जिला मुख्यालयों और सभी ब्लॉकों में त्वरित कार्रवाई के लिए बाढ़ नियंत्रण कार्यालय की स्थापना की है।
राज्य में बाढ़ से किसी के भी मारे जाने की खबर नहीं है।
चंडीगढ़ में मौसम विभाग ने हरियाणा के पड़ोसी पहाड़ी राज्यों में मूसलाधार बारिश की आशंका जताई है।