भूख ने ली मासूम की जान, अपनी कमी छिपाने के लिए प्रशासन बता रहा दूसरा कारण

रिपोर्ट- सूरज मौर्या 

हाथरस। यूपी के हाथरस जिले के सादाबाद क्षेत्र के गांव बेदई के मजरा नगला हट्टी में मुफलिसी के मारे एक परिवार के घर में भुखमरी से आठ साल की एक मासूम बच्ची की मौत होने और पांच साल की उसकी बहिन के अस्पताल में भर्ती होने का मामला सामने आया है। मासूम की मौत के बाद यहां जागा प्रशासन जाँच पड़ताल में जुट गया है। अलवत्ता प्रशासन प्रथम दृष्टया इस बच्ची की मौत को बीमारी से हुई बता रहा है।

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हाथरस जिले के सादाबाद क्षेत्र के गांव बेदई के मजरा नगला हट्टी में मुफलिसी के मारे एक परिवार के घर में भुखमरी से आठ साल की एक मासूम बच्ची की मौत हो गई। यह दृश्य गांव के भूरीसिंह मजदूर के घर का है। भूरीसिंह के परिवार पर गरीबी और मुफ़लसी ने ऐसा सितम ढहाया है कि उसके परिवार की खुशी ही छिन गयी है।

भूरीसिंह के परिवार में पत्नी सोनिया के अलावा पांच बेटियां हैं। बीते करीब दो महीने से उसका परिवार लाचारी, और भुखमरी की मार झेल रहा था। परिवार के पास राशन कार्ड भी नहीं है। भूरीसिंह पिछले काफी समय से ग्रामीणों के रहमो करम पर अपने बच्चों का पेट पाल रहा था। उसकी पत्नी की माने तो कई दिन से उसके घर में खाने पीने के लिए कुछ नहीं था। पैसे भी नहीं थे। किसी ने उनकी मदद भी नहीं की। ऐसे में भूरीसिंह की 8 वर्षीय बच्ची ख़ुशी और 5 वर्षीय बच्ची अनु बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ी। दोनों मासूम बच्चियों को बेहोशी की हालत में सीएचसी सादाबाद लाया गया।

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जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद दोनों बच्चियों को आगरा रेफर कर दिया। आगरा ले जाते समय 8 वर्षीय खुशी ने दम तोड़ दिया और 5 वर्षीय अनु आगरा में अस्पताल में भर्ती है। भूख से 8 वर्षीय मासूम की मौत की सूचना पर जिला प्रशासन में हड़कंप मंच गया। बच्ची की माँ अपनी बच्ची की मौत भूख से हुई बता रही है। ग्रामीण भी ऐसा ही कह रहे है। लेकिन जिले के जिलाधिकारी का कहना है कि प्रथम दृष्टया हुई जाँच में मामला बुखार से हुई मौत का है। दोनों बच्चियों का इलाज चलने की भी बात सामने आयी है। उनका कहना है कि इस मामले की और इस परिवार पर राशन कार्ड न होने की अभी विस्त्रत जाँच होगी।

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