
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में लगातार मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। मंगलवार को रुक-रुककर हुई बारिश के बाद बुधवार सुबह से फिर तेज बारिश शुरू हो गई, जिससे शहर की सड़कें तालाब और नाले उफान पर नजर आए।

रेजीडेंसी कॉलोनी, वीर सावरकर नगर, संजय नगर, मॉडल टाउन, सुभाषनगर, हजियापुर, सिकलापुर, दुर्गानगर, जोगी नवादा, मढ़ीनाथ, और मुंशीनगर जैसे इलाकों में जलभराव ने लोगों को घरों में कैद कर दिया। कई घरों में 1 से 3 फीट तक पानी भर गया, जिससे लोग परेशान हैं। नगर निगम की जल निकासी व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई, और स्मार्ट सिटी के दावों की पोल खुल गई।
जलभराव से प्रभावित प्रमुख क्षेत्र
- सुभाषनगर: सुभाषनगर पुलिया के नीचे भारी जलभराव के कारण वाहन बंद हो गए, और कई लोग गिरते-गिरते बचे। नाले के उफान के कारण गंदा पानी घरों में घुस गया। स्थानीय निवासी मेहरुनिशा ने बताया कि 900 करोड़ रुपये की स्मार्ट सिटी परियोजना के बावजूद सुभाषनगर में अंडरपास नहीं बना, जिससे डेढ़ लाख लोग प्रभावित हैं।
- हजियापुर: यूनानी मेडिकल कॉलेज के सामने 2-3 फीट पानी जमा रहा। कई घरों में पानी घुस गया, और रजा कॉलोनी में 15 परिवारों को घरों की पहली मंजिल पर शरण लेनी पड़ी।
- छोटी विहार: तीन दिनों से घरों में पानी भरा है। स्थानीय निवासी हरपाल सागर ने जल निकासी व्यवस्था की विफलता पर रोष जताया।
- मॉडल टाउन और डीडीपुरम: मुख्यमंत्री ग्रिड योजना के तहत निर्माणाधीन सड़कों के कारण जलभराव और अव्यवस्था बढ़ी। रिक्खी सिंह इंटर कॉलेज के सामने घंटों पानी जमा रहा।
- अन्य क्षेत्र: सैदपुर हॉकिंस, राधिका एनक्लेव, वंशीनगला, आकाशपुरम, मिनी बाइपास से भगवंतापुर मोड़ तक की सड़कें तालाब बन गईं। सनसिटी विस्तार, मुंशीनगर, और बड़ी बिहार में गलियाँ जलमग्न रहीं।
नगर निगम की नाकामी
नगर निगम ने दावा किया था कि नालों की सफाई और जल निकासी के लिए पंप लगाए गए हैं, लेकिन बारिश ने इन दावों की हकीकत उजागर कर दी। सुभाषनगर में 64.12 करोड़ रुपये की लागत से नाले बनाने का प्रस्ताव शासन के पास अटका हुआ है। आकाशपुरम की पार्षद पूनम राठौर ने बारिश में कूड़ा निस्तारण व्यवस्था की विफलता पर सवाल उठाए। श्यामगंज डलावघर के सामने कूड़ा सड़क पर बिखरा रहा, जिससे जलभराव और गंदगी की स्थिति और बिगड़ गई।
स्वास्थ्य जोखिम
जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राहुल बाजपेयी ने चेतावनी दी कि जलभराव के कारण मच्छरजनित और जलजनित रोगों जैसे डेंगू, मलेरिया, बुखार, दस्त, और त्वचा रोगों का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने लोगों को उबला पानी पीने और ताजा भोजन करने की सलाह दी।
अन्य समस्याएँ
- पेड़ गिरने से जाम: मंगलवार सुबह मैकेनियर रोड पर प्रेमनगर थाने के पास 60 साल पुराना पेड़ गिर गया, जिससे दोनों ओर जाम लग गया। नगर निगम की टीम दोपहर बाद पेड़ हटाने पहुँची।
- स्कूलों पर असर: भारी बारिश के कारण स्कूलों में बच्चों की संख्या कम रही, और आठवीं कक्षा तक के स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई। हजियापुर के प्राथमिक विद्यालय में कक्षाओं तक पानी भर गया, जिससे पढ़ाई ठप हो गई।
- जर्जर मकान ढहा: सुभाषनगर में खन्ना बिल्डिंग के पास एक जर्जर मकान बारिश के कारण ढह गया, हालाँकि कोई हताहत नहीं हुआ।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक बरेली में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 27.3 डिग्री सेल्सियस (सामान्य से 6 डिग्री कम) और न्यूनतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बारिश के साथ बिजली गिरने का भी खतरा है, जिसके लिए लोगों से सावधानी बरतने को कहा गया है।
नागरिकों का रोष
स्थानीय लोगों ने नगर निगम और स्मार्ट सिटी परियोजना की नाकामी पर गुस्सा जताया। राजेंद्रनगर के रचित ने कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर हालात कस्बों से भी बदतर हैं। सुभाषनगर, हजियापुर, और अन्य क्षेत्रों के निवासियों ने नालों की नियमित सफाई और स्थायी जल निकासी व्यवस्था की माँग की। सोशल मीडिया पर लोग बरेली को ‘वॉटर सिटी’ कहकर ट्रोल कर रहे हैं।