
नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शनिवार को संसद में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के गले मिलने को ‘अवांछित आलिंगन’ बताते हुए उनकी आलोचना करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच इस मसले को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज को गई है।
भाजपा ने राहुल गांधी को किसी सार्वजनिक पद के लिए अक्षम नेता बताया तो कांग्रेस ने कहा कि राहुल पूरी शिष्टता के साथ गले मिले और मोदी द्वारा उनपर निशाना साधने से नफरत की राजनीति की पोल खुल गई।
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में किसान कल्याण रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने नाम लिए बगैर राहुल गांधी पर लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान उनके गले मिलने को लेकर उपहास किया।
राजग सरकार ने खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था जो कि मतदान में गिर गया और सरकार ने सफल रही।
मोदी ने कहा, “हमने उनके अविश्वास प्रस्ताव लाने का कारण पूछा तो वह जवाब देने में विपल रहे और अवांछित तरीके से गले मिलने लगे।”
भाजपा नेता जी.वी.एल. नरसिम्हा राव ने यहां कहा, “मुझे लगता है कि उन्होंने जो प्रदर्शित किया उससे वह वास्तव में किसी सार्वजनिक पद को संभालने के काबिल नहीं हैं।”
कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने इस पर पलटवार करते हुए याद दिलाया कि प्रधानमंत्री दुनियाभर में कई नेताओं से गले मिल चुके हैं।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, “मोदी अपने विदेश दौरे पर कई नेताओं से गले मिल चुके हैं। क्या वह अवांछित आलिंगन नहीं था।”
कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा, “मोदी राहुल गांधी के गले मिलने पर उपहास करते हैं, जिसमें उन्होंने पूरी शिष्टता दिखाई।”
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उन्होंने कहा, “इससे नफरत की राजनीति की पूरी तरह से पोल खुल गई है।”
इस बीच पूर्व वित्तमंत्री और भाजपा के पूर्व नेता और मोदी सरकार के आलोचक यशवंत सिन्हा ने गले मिलने को लेकर मोदी पर तंज कसा।
उन्होंने ट्वीट के जरिये कहा, “सिलसिलेवार ढंग से गले मिलने वाले से गले मिला गया।”
इससे पहले राहुल गांधी ने कहा कि वह मोदी की नफरत और भय को प्रेम और करुणा से जीतेंगे।
राहुल गांधी ने ट्वीट के जरिए कहा, “कल संसद में बहस का मसला… प्रधानमंत्री ने अपने बयान में हमारे कुछ लोगों के दिलों में नफरत, भय और क्रोध पैदा किया। हम यह प्रमाणित करने जा रहे हैं कि सभी भारतवासियों के दिलों में प्रेम और करुणा से ही राष्ट्र का निर्माण होगा।”