
रिपोर्ट- अश्वनी शुक्ला
शाहजहांपुर। जिला बेसिक शिक्षा विभाग में मूक बधिर और असहाय बच्चों के साथ भी खाने के नाम पर धोखा और गोलमाल का बड़ा खुलासा हुआ है। यहां मूक बधिरों के विशेष स्कूल में बच्चों को महज दाल रोटी दी जा रही है। जबकि मीनू में पौष्टिक आहार के नाम पर लाखों को वारा न्यारा किया जा रहा है। खुलासे के बाद विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है। फिलहाल इस गंभीर मामले में जिलाधिकारी ने बीएसए और एबीएसए के खिलाफ जांच और कार्यवाही के आदेश दिये हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग के नगर क्षेत्र के रोटी गोदाम में बना आवासीए एक्सीलेरेटेड लर्निंग स्कूल जहां मूक बधिर और असहाय बच्चों को विशेष शिक्षा दी जा जाती है। लेकिन घोटालेबाज अफसरों और खाने के ठेकेदार पिंकू गुप्ता ने इन मूक बधिर बच्चों को भी नही बख्शा। यहां बच्चों को खाने के नाम पर मजद दाल रोटी और सब्जी ही दी जा रही है। जबकि मीनू मे बच्चों को फल, दूध, सलाद और मिठाई सहित पौष्टिक आहार दिये जाने की व्यवस्था है। लेकिन विभाग में कमीशन खोरी के चलते ठेकेदार खाने के नाम पर इन बेबस बच्चों के साथ खिलवाड़ कर रहा है।
विभाग मूक बधिर बच्चों का चयन करके यहां उन्हें विशेष तकनीक से पढ़ना और लिखना सिखाता है। ये एक आवासीय स्कूल है जहां विभाग ने एक सत्ताधारी विधायक के करीबी को खाने का ठेका दिया है। यहीं बजह है कि बच्चों के खाने में जमकर घोटाला किया जा रहा है। हालांकि वार्डन ने खाने के ठेकेदार पर मीनू के अनुसार बच्चों को खाना ना देने की लिखित शिकायत बीएसए को दी थी लेकिन शिकायत को ठन्डे बस्ते में डाल दिया गया। इसी के चलते पिछले लम्बे वक्त से सिर्फ दाल रोटी खाकर अपना पेट भर रहे थे।
बताया जा रहा है कि कई बार खाने की शिकायत विभाग से की गई लेकिन उंची रसूख के चलते ठेकेदार अपनी मनमानी करता रहा है। इन मूक बधिर बच्चों के भोजन के लिए रोजाना 57 रूपये की खुराक दिये जाने का बजट दिया गया है। लेकिन अब मूक बधिर बच्चों के खाने में हो रहे घोटाले के खुलासे को जिला प्रशासन ने बेहद गंभीरता से लिया है। जिला प्रशासन मामले में बीएसए और एबीएसए के खिलाफ जांच और कार्यवाही के आदेश दिये है।
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इन मूक बधिर और असहाय बच्चों को शारीरिक विकास के लिए पौष्टिक आहार की जरूरत होती है जिसके लिए सरकार इन बच्चोें के खाने पर लाखों रूपया खर्च कर रही है। लेकिन इन असहाय बच्चों के हक पर घोटालेबाज अफसर और ठेकेदार उनके हक को डकार रहे है। फिलहाल खाने के घोटाले के खुलासे के बाद यहां हर जिम्मेदार अफसर खुद को बचाने में जुटे है।