IT ने किया खुलासा, कैसे किया गया कालेधन को सफेद

कालेधननई दिल्ली। 8 नवंबर 2016 को लागू हुए नोटबंदी के फैसले ने लोगों के बीच अफरा-तफरी का माहौल बना दिया था। जहां कुछ लोग अपने कालेधन को छुपाने के लिए नई-नई तरकिबें निकाल रहें थे वहीं आम आदमी पैसो के लिए मारा-मारा फिर रहा था। इसी बीच इनकम टैक्स ने कई जगह छापे भी मारे।

वहीं नोटबंदी के एक साल पूरे होने पर इनकम टैक्स विभाग की रिपोर्ट में कालेधन को किनारे लगाने के लिए तरह-तरह के कारोबारियों द्वारा अपनाए गए हथकंड़ों का जिक्र किया गया है। तो चलिए जानते है इनकम विभाग में हुए खुलासे के बारे में-

दरअसल इनकम टैक्स विभाग की रिपोर्ट में बताया गया है कि कारोबारियों ने किस तरह कैश को ठिकाने लगाने के लिए बैकडेट में अपनी टैली सॉफ्टवेयर में एंट्री की। रिपोर्ट में संदिग्ध नकद जमा का खुलासा भी किया गया है।

वहीं नोटंबदी के ऐलान के बाद पुराना कैश जमा करने की अवधि में पेट्रोल पंप मालिकों ने अपनी डेली सेल को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया। इस दौरान शेल कंपनियों ने कालेधन को खपाने के लिए संदिग्ध एंट्री कीं। इसी के साथ ऑपरेशन क्लीन मनी के दौरान ज्वैलर्स और बुलियन ट्रेडर्स ने पैन कार्ड रिपोर्टिंग से बचने के लिए खरीद और बिक्री को बिल को छोटी-छोटी रकमो में तैयार करके पेश किया।

इतना ही नहीं देश के प्रमुख कोऑपरेटिव बैंक के बड़े अधिकारियों ने बैंक के करेंसी चेस्ट से नई करेंसी को अपनी पुरानी करेंसी को बदलने के लिए इस्तेमाल किया। जबकि उन्हें यह नई करेंसी ग्राहकों की पुरानी करेंसी बदलने के लिए दी गई थी।

बता दें कि इनकम टैक्स विभाग के ऑपरेशन के इस चरण के दौरान इनकम टैक्स विभाग ने 17.92 लाख लोगों की पहचान की है जिन्हें गैरकानूनी कैश ट्रांजैक्शन में लिप्त पाया गया। वहीं इन 17.92 लाख लोगों में लगभग 9.2 लाख टैक्सपेयर ने नोटबंदी के ऐलान के बाद जमा किए गए लगभग 2.89 लाख करोड़ रुपये की सफाई ऑनलाइन माध्यम से दी है।

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