राज्य सभा में तीन तलाक बिल पर कांग्रेस समेत अड़ गया विपक्ष, सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक स्थगित

मोदीनई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार लोक सभा में तीन तलाक बिल पास कराने के बाद राज्य सभा से भी पास कराने की उम्मीद बांध चुकी थी। लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा। गुरुवार को राज्य सभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान जमकर हंगामा हुआ।

कांग्रेस पार्टी तीन तलाक बिल को सिलेक्ट कमेटी को भेजने पर अड़ी रही। जबकि सरकार इसे शीतकालीन सत्र में ही पारित कराना चाहती है।

सिलेक्ट कमेटी में बिल को भेजने की मांग पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जवाब देते हुए कहा कि सिलेक्ट कमिटी में भेजने का प्रस्ताव देर से आया। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव 24 घंटे पहले दिया जाना चाहिए था। सदन में कहा जा रहा है कि ज्यादातर सदस्य इस बिल के खिलाफ हैं। इस पर कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा करना शुरू कर किया।

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जेटली ने कहा कि कांग्रेस सुधार के बहाने तीन तलाक बिल को लटकाने का प्रयास कर रही है।

महिला विरोधी बिल’

कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम बिल के हक में हैं लेकिन इसमें महिला विरोधी प्रावधान हैं, जिसका हम विरोध कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सवाल इस बात का है कि आरोपी पति अगर जेल में रहेगा तो उसकी पत्नी को खाना कौन खिलाएगा? वित्त मंत्री ने कहा कि अगर आप बिल को खत्म करना चाहते हो तो आप सिलेक्ट कमेटी में नहीं हो सकते।

वहीँ हंगामा बढ़ता देख राज्य सभा के उपसभापति ने सदस्यों को समझाने की कोशिश करते हुए नियमों का हवाला देकर कहा कि अगर कोई तकनीकी खामी सामने आती है तो संशोधन किया जाएगा।

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर से रखे गए संशोधन, प्रस्ताव की तरह हैं। मैं नहीं कह सकता कि मोशन को वापस ले लिया जाए। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने बिल में संशोधन पर वोटिंग की मांग की।

विपक्ष के नारेबाजी के बाद उपसभापति ने राज्य सभा की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है।

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