रायपुर में गृहमंत्री शाह का संकल्प: नक्सलवाद का जड़ से खात्मा, बारिश में भी नहीं रुकेंगे अभियान’

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे के पहले दिन रायपुर में नक्सलवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त कर दिया जाएगा।

उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार के नक्सल विरोधी अभियानों की सराहना की और कहा कि बारिश के मौसम में भी नक्सलियों को चैन की नींद नहीं लेने दी जाएगी। शाह ने नवा रायपुर में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) के अस्थायी परिसर और i-हब का वर्चुअल उद्घाटन किया, साथ ही केंद्रीय फोरेंसिक साइंस लैब की आधारशिला रखी।

NFSU और फोरेंसिक लैब का उद्घाटन
शाह ने कहा कि 268 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले ये संस्थान छत्तीसगढ़ और मध्य भारत के लिए क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को आधुनिक और वैज्ञानिक बनाने में मील का पत्थर साबित होंगे। NFSU के अस्थायी परिसर में 2025-26 सत्र से बीएससी, एमएससी फोरेंसिक साइंस, साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल फोरेंसिक, मनोविज्ञान और प्रोफेशनल डिप्लोमा कोर्स शुरू होंगे, जिसमें पहले बैच में 180 छात्र प्रवेश लेंगे। उन्होंने बताया कि डीएनए फिंगरप्रिंटिंग, साइबर सिक्योरिटी, बायोटेक्नोलॉजी जैसी अत्याधुनिक तकनीकें अब नवा रायपुर में उपलब्ध होंगी, जिससे जांच प्रक्रिया तेज और सटीक होगी।

नक्सलवाद पर कड़ा प्रहार
गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और गृह मंत्री विजय शर्मा की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने नक्सल विरोधी अभियानों को नई गति दी है। उन्होंने नक्सलियों को चेतावनी दी कि मानसून में भी अभियान नहीं रुकेंगे। शाह ने कहा, “हर साल बारिश में नक्सली आराम करते थे, लेकिन इस बार हम उन्हें सोने नहीं देंगे।” उन्होंने नक्सलियों से हथियार छोड़कर छत्तीसगढ़ की आकर्षक आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाने की अपील की, साथ ही स्पष्ट किया कि बातचीत की कोई जरूरत नहीं है।

विकास और निवेश पर जोर
शाह ने बताया कि साय सरकार के आने के बाद छत्तीसगढ़ में 5 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर एमओयू साइन हुए हैं, जिससे रोजगार और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ विजन का जिक्र करते हुए कहा कि यह नवाचार, बुनियादी ढांचे और आर्थिक प्रगति के साथ-साथ समय पर न्याय सुनिश्चित करने पर केंद्रित है। नए कानून—भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम—इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।

सुरक्षा बलों की तारीफ
शाह ने CRPF, ITBP, BSF, छत्तीसगढ़ पुलिस और डीआरजी के जवानों की बहादुरी की सराहना की, जिन्होंने पिछले डेढ़ साल में नक्सलियों को भारी नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कहा कि 2024 और 2025 में सैकड़ों नक्सली मारे गए, गिरफ्तार हुए या आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जो नक्सलमुक्त भारत की दिशा में बड़ी उपलब्धि है।

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