‘टैक्स पर मोदी की सर्जिकल स्ट्राइक’, एकाउंट ही नहीं अब सोच पर होगा वार

टैक्स चोरी पर वारनई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस कालाधन पर नकेल कसने के लिए नोटबंदी जैसे क्रांतिकारी कदम की शुरुआत की थी, अब उसी दिशा में एक नया मोड़ लाने के लिए केंद्र प्लानिंग बना रहा है। इस बाबत पीएम मोदी ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ अपने सुझाव भी साझा किए हैं। बता दें उन्होंने अपने सुझाव में टेक्नोलॉजी का प्रयोग बढ़ाने की राय दी है। इससे न केवल कालाधन और टैक्स चोरी को जड़ से ख़त्म किया जा सकता है बल्कि देश के विकास में भी कमाल के परिणाम देखने को मिलेंगे। ये बाते पीएम मोदी ने इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों की एक कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहीं।

उन्होंने कहा कि इससे इमानदार करदाताओं को सुविधाएं उठाने का मौक़ा मिलेगा और टैक्स देने में गड़बड़ी करने वालों को ढूंढने और पकड़ने का काम आसान हो जाएगा।

दरअसल पीएम मोदी ने डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल कर अघोषित आय या सम्पति को ट्रैक करने और उससे निपटने पर जोर दिया है।

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बता दें नोटबंदी के दौरान बैंक में जमा हुए पुराने नोटों में करीब 1.6-1.7 लाख करोड़ रुपये संदिग्ध हैं, ऐसे में टैक्स अधिकारियों के हाथ में डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल एक बढ़िया हथियार हो सकता है।

बैंकों में जमा हुए धन की स्क्रूटनी शुरू करके टैक्स डिपार्टमेंट ने पहले से ही नोटबंदी के सेकंड पार्ट पर काम शुरू कर दिया है। 8 नवंबर के बाद हुए लेनदेन की भी विभाग सघनता से जांच कर रहा है।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि डेटा एनालिटिक्स के जरिए किसी भी शख्स और उसकी आय और निवेश के बीच संबंध स्थापित किया जा सकता है।

अडवांस्ड टूल्स का इस्तेमाल कर आधारित और गैर आधारित डेटा की भी स्क्रूटनी की जा सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार चाहे तो किसी भी व्यक्ति के आईटी रिटर्न, सोशल मीडिया एक्टिविटी, फोन कॉल, ट्रैवल ट्रेंड, बैंक स्टेटमेंट और उसके पते के आधार पर उसकी कुल आय और सम्पत्ति के बारे में सही जानकारी निकाली जा सकती है।

उनका मनना है कि इससे कम से कम उस व्यक्ति के संदिग्ध होने या न होने की जानकारी को 100 प्रतिशत मिल ही जाएगी।

आपको इस बात का कभी एहसास नहीं हुआ होगा कि कई बार आप जिस प्रॉडक्ट या सर्विस को खरीदन के बारे में विचार कर रहे हैं, आपको किसी वेबसाइट या आपके सोशल मीडिया पेज पर उसी का विज्ञापन दिखाई दे जाए।

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दरअसल, इंटरनेट पर आपके सर्च और बिहेवियर की ट्रैकिंग की जाती है। फाइनेंशियल डेटा की भी इसी तरह ट्रैकिंग की जा सकती है, लेकिन उसे अंतिम पड़ाव तक पहुंचाने के लिए डेटा एनालिटिक्स की जरूरत पड़ेगी।

बता दें डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल कर कई देशों में टैक्स और वित्तीय लेनदेन पर नजर रखी जाती है। यूएस में डेटा एनालिटिक्स सबसे सफल माना जाता है।

अब आप सोंच रहे होंगे कि आखिर ये कैसे संभव है तो आइए जानते हैं कैसे होती हैं इन देशों में जांच…

यदि कोई भी व्यक्ति बिजनेस ट्रिप पर विदेश यात्रा पर जाता है और यात्रा के दौरान अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करता है तो वह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजरों में आ जाता है।

इसके बाद से ही विभाग मुस्तैदी से व्यक्ति के हर कदम पर नज़र बनाए रखता है। इतना ही नहीं जरूरत पड़ने पर ई-मेल भी चेक किया जा सकता है और काल्स को टैब भी।

इसी तरह विभाग आपके कार्ड ट्रांजेक्शन, माइक्रो ट्रैवल डेटा, क्रेडिट कार्ड, एटीएम कार्ड जैसे टूल के सहारे अपनी नजरें गड़ाए रखता है। इस तरह किसी भी व्यक्ति का बच पाना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन हो जाता है।

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