नहीं थम रही हेगड़े की विवादित भाषा, इस बार कर दी कुत्तों से तुलना

बेंगलूरु। संविधान बदलने की वकालत करने वाले केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े एक बार फिर से विवादों में फंस गये हैं। इसबार हेगड़े ने कुछ लोगों को गली का कुत्ता कहकर नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है।

नहीं थम रही हेगड़े की विवादित भाषा

दरअसल, 20 जनवरी को जब अनंत कुमार हेगड़े कर्नाटक के बेल्लारी में एक रोजगार मेले में जा रहे थे तभी दलित समुदाय के कुछ लोगों ने उनका रास्ता रोककर उनके खिलाफ प्रदर्शन करने लग गए थे।

बता दें ये लोग संविधान पर दिए गये उनके बयान से नाराज थे।

बेल्लारी में कार्यक्रम को संबोधित करने के बाद केन्द्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री अनंत हेगड़े ने लोगों से कहा कि हम आपकी मदद करने के लिए तत्पर हैं, हम आपके साथ रहेंगे चाहे कुछ भी हो जाए।

आगे उन्होंने ने कहा, ‘हमलोग विरोध प्रदर्शन करने वाले कुछ गली के कुत्तों में फंसने वाले नहीं है’। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि ऐसा बोलकर मंत्री किस पर हमला कर रहे थे।

कांग्रेस ने किया जोरदार पलटवार

केंद्रीय मंत्री के विवादित टिप्पणी पर कांग्रेस ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी को अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। कांग्रेस नेता टॉम वडक्कन ने कहा कि यही वो चीज है जिसके खिलाफ दलित सालों से लड़ रहे थे, ऐसे बेतुके बयान के बाद हेगड़े को कैबिनेट में रहने का कोई हक नहीं।

वहीँ अनंत हेगड़े ने कहा कि उनकी टिप्पणी की गलत व्याख्या की गई है और कांग्रेस उनकी छवि को खराब करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि मेरा यह बयान उन लोगों के लिए था जो मेरे रवैये की आलोचना कर रहे थे।

बस बहुत हो गया

दक्षिण के अभिनेता प्रकाश राज ने भी मंत्री के इस बयान पर टिप्पणी की। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘बस बहुत हो गया, बार-बार लोगों को चोट पहुंचाने वाले मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने फिर से ऐसा किया है, वह दलितों को कुत्ता कहता है, जबकि वह उनके संविधान बदलने वाले विवादास्पद बयान पर प्रदर्शन कर रहे थे।

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प्रकाश राज ने कहा, ‘भाजपा के नेता क्या अब आप लोग उसे इस्तीफा देने को कहेंगे या फिर आप लोग उनके बयान का समर्थन करते हैं।’

क्या था पुराना विवाद

कुछ ही दिन पहले केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े ने कहा था कि भाजपा जल्द ही संविधान बदल डालेगी जिसमें ‘सेकुलर’ शब्द का वर्णन है। उन्होंने कहा था कि जो लोग अपने बाप-दादा के खून की पहचान नहीं जानते हैं और अपने आप को सेकुलर कहते हैं, उनकी अपनी कोई पहचान नहीं है, वे अपने पुश्तैनी पहचान नहीं जानते हैं लेकिन खुद को बुद्धिजीवी कहते हैं।

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इस बयान के बाद जोरदार हंगामा हुआ था। अंत में उन्हें माफ़ी तक मांगनी पड़ी थी।

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