
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता और इसके आसपास के इलाकों में 22-23 सितंबर 2025 की रात मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र के कारण शहर में 247.5 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई, जिसके परिणामस्वरूप कई इलाकों में घुटने से कमर तक पानी भर गया।
इस आपदा में कम से कम तीन लोगों की बिजली के करंट लगने से मौत हो गई, और शहर में यातायात, मेट्रो, और रेल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। IMD ने अगले दो दिनों, 24-25 सितंबर 2025 तक, दक्षिण बंगाल के लिए भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
घटना का विवरण
22 सितंबर की रात से शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने कोलकाता के कई प्रमुख इलाकों जैसे गड़िया कामदहारी (332 मिमी), जोधपुर पार्क (285 मिमी), कालीघाट (280 मिमी), टॉप्सिया (275 मिमी), बल्लीगंज (264 मिमी), उल्टाडांगा (207 मिमी), और थनथनिया (195 मिमी) में भारी जलभराव पैदा किया। लालबाजार पुलिस कंट्रोल के अनुसार, बेनीपुकुर, खिद्दरपुर, और नेताजी नगर में बिजली के तारों के पानी में डूबने से तीन लोगों की इलेक्ट्रोक्यूशन से मौत हुई। कुछ अन्य मौतों की भी खबरें हैं, लेकिन उनकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
प्रभाव और व्यवधान
- यातायात और परिवहन: कोलकाता की प्रमुख सड़कें जैसे एजेसी बोस रोड, डीएच रोड, और ईएम बाईपास जलमग्न हो गईं, जिससे कई गाड़ियां खराब हो गईं और स्कूल पूल कार सेवाएं रद्द कर दी गईं। कोलकाता मेट्रो की नॉर्थ-साउथ ब्लू लाइन पर शहीद खुदीराम से मैदान स्टेशन तक सेवाएं निलंबित रहीं, जबकि दक्षिणेश्वर से मैदान तक सीमित सेवाएं चलीं। हावड़ा और सियालदह रेलवे स्टेशनों पर पानी घुसने से उपनगरीय और लंबी दूरी की ट्रेनें रद्द या शॉर्ट-टर्मिनेट की गईं।
- दुर्गा पूजा पर प्रभाव: बारिश ने दुर्गा पूजा की तैयारियों को बड़ा झटका दिया। दक्षिण और मध्य कोलकाता के कई प्रमुख पंडालों में पानी घुस गया, जिससे आयोजकों को संरचनाओं को बचाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ी।
- अस्पतालों में संकट: नेशनल मेडिकल कॉलेज, आरजी कर, कलकत्ता मेडिकल, और एनआरएस जैसे सरकारी अस्पतालों में जलभराव के कारण मरीजों और चिकित्सा कर्मचारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। एसएसकेएम अस्पताल के कार्डियोलॉजी और रोनाल्ड रॉस भवन में टखने तक पानी भर गया।
- बिजली आपूर्ति: जलभराव वाले क्षेत्रों में सीईएससी ने सुरक्षा के लिए बिजली आपूर्ति काट दी, जिससे कई इलाकों में अंधेरा छा गया।
मौसम विभाग का अलर्ट
IMD के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव क्षेत्र उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है, और 25 सितंबर तक एक और निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके चलते दक्षिण बंगाल के जिलों—हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पुरबा और पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा, और बीरभूम में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। कोलकाता में अगले 48 घंटों तक बारिश जारी रहने की संभावना है। मछुआरों को 23-26 सितंबर तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
प्रशासन की कार्रवाई
- कोलकाता नगर निगम (KMC) के मेयर फिरहाद हकीम ने लोगों से घरों में रहने की अपील की और कहा कि जलभराव से निपटने के लिए पोर्टेबल पंपों का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि 6 मिमी प्रति घंटा से अधिक बारिश होने पर शहर की ड्रेनेज प्रणाली चरमरा जाती है।
- निम्न-स्तरीय क्षेत्रों जैसे बिधान सरानी, कॉलेज स्ट्रीट, और थनथनिया में पानी निकालने के लिए विशेष प्रयास किए गए, और कुछ क्षेत्रों में पानी 10-12 घंटों में निकाला गया।
- पश्चिम बंगाल सरकार ने राहत शिविर स्थापित किए हैं, और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) को बचाव कार्यों के लिए तैनात किया गया है।
निष्कर्ष
कोलकाता में मूसलाधार बारिश ने शहर को ठप कर दिया है, और तीन मौतों ने स्थिति की गंभीरता को उजागर किया है। दुर्गा पूजा से पहले यह आपदा आयोजकों और निवासियों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। IMD का दो दिन का अलर्ट और ड्रेनेज सिस्टम की सीमाएं स्थिति को और जटिल बना रही हैं। प्रशासन और नागरिकों को मिलकर इस संकट से निपटने के लिए सतर्क और तैयार रहना होगा।