Health Tips: महिलाओं में बढ़ रहा ‘ऑस्टियोपोरोसिस’ का खतरा, जानें वजह
धूप से बचने की प्रवृत्ति, कैल्शियम युक्त आहार के कम सेवन और बढ़ते प्रदूषण के कारण भारत की महिलाओं में हड्डियों को खोखला बना देने वाली खामोश बीमारी ‘ऑस्टियोपोरोसिस’ का खतरा बढ़ रहा है। कम उम्र की लड़कियों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं और रजोनिवृत्त महिलाओं में आदतन कैल्शियम का सेवन कम होता है, जो ओस्टियोपोरोसिस का मुख्य कारण है। आर्थराइटिस केयर फाउंडेशन (एएफसी) के अध्यक्ष और इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. राजू वैश्य का कहना है कि भारतीयों में जीवन प्रत्याशा बढ़ने के साथ-साथ महिलाओं में विटामिन-डी की कमी का प्रकोप भी बढ़ रहा है।
विटामिन-डी की कमी की व्यापक समस्या के साथ-साथ कम मात्रा में कैल्शियम के सेवन, ओस्टियोपोरोसिस के बारे में बहुत कम जागरूकता और भारतीय महिलाओं में ओस्टियोपोरोसिस की पहचान में दिक्कत जैसे कारणों से महिलाओं में ओस्टियोपोरोसिस एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या बन गई है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी में हड्डियां इस हद तक कमजोर हो जाती हैं कि हल्का झटका लगने, गिर जाने और यहां तक कि छींकने और खांसने से भी फ्रैक्च र हो सकता है। हालांकि यह स्थिति अचानक उत्पन्न नहीं होती है, बल्कि उम्र बढ़ने के साथ विकसित होती है और तेजी से बढ़ती है।
डॉ. राजू वैश्य ने कहा, “हमारे पास आने वाले 100 वृद्ध लोगों में 30 प्रतिशत लोग ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित होते हैं। हमारे आर्थराइटिस केयर फाउंडेशन की ओर से आयोजित होने वाले मेडिकल कैम्पों में आने वाले अब हम 35-40 साल की उम्र के युवा लोगों में भी बोन मिनरल डेंसिटी कम पायी जाती है जिसके कारण उनमें ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा अधिक होता है।” उन्होंने कहा, “युवा लोग आधुनिक जीवनशैली, निष्क्रिय रहने की आदत, शराब और तंबाकू का सेवन, धूम्रपान, अधिक कैलोरी और जंक फूड का सेवन जैसी शहरी खान-पान की आदतें, भोजन में मिलावट और कम उम्र में मधुमेह रोग और मधुमेह मेलिटस विकसित होने की वजह से इस बीमारी के प्रति अधिक संवेदनशील हो रहे हैं।”