Health Tips: क्या है टेस्टोस्टेरोन डेफिशियेंसी सिंड्रोम? जानें लक्षण और उपचार

जैसे महिलाओं में हार्मोन से संबंधित बीमारियां होती है ठीक वैसे ही पुरुषों में भी हार्मोन से संबंधित कई तरह की बीमारियां होती है। इसी कड़ी में पुरुषों से संबंधित एक बीमारी है जिसका नाम है टेस्टोस्टेरोन डेफिशियेंसी सिंड्रोम की समस्या होती है। जिसे मेल हाइपोगोनडिस्म भी कहा जाता है। यह हार्मोन ऐसा है जिसका कम होने से शरीर में काफी बदलाव देखने को मिलते हैं। इस परेशानी का महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी खतरनाक असर दिखाई देता है। यह रोग बाद में और भी विकसित होता है। आज हम आपको  टेस्टोस्टेरोन डिफिशन्सी सिंड्रोम में कौन सी थेरेपी की मदद ली जा सकती है इस बारे में बताने जा रहे हैं।

लक्षण

टेस्टोस्टेरोन डेफिशियेंसी सिंड्रोम भ्रूण के विकास के दौरान शुरू हो सकता है, या फिर यौवन से पहले या वयस्कता के दौरान। इसके संकेत और लक्षण, इस सिंड्रोंम के विकसित होने के समय पर निर्भर करते हैं।

भ्रूण के विकास

यदि शरीर भ्रूण के विकास के दौरान पर्याप्त टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन नहीं करता है तो टेस्टोस्टेरोन डेफिशियेंसी सिंड्रोम होने पर निम्न लक्षण हो सकते हैं, जैसे स्त्री जननांगों वाला बच्चा या अस्पष्ट जननांगों या अविकसित पुरुष गुप्तांग वाला बच्चा।

वयस्कता के समय

वयस्कता के समय मेल हाइपोगोनडिस्म कुछ मर्दाना शारीरिक विशेषताओं को बदलने और सामान्य प्रजनन समारोह को क्षीण करने का कारण बन सकता है। इसके लक्षणों के तौर पर स्तंभन दोष, बांझपन, दाढ़ी और शरीर के बालों के विकास में कमी तथा मांसपेशियों में कमी आदि शामिल होते हैं।

इलाज

टेस्टोस्टेरोन डिफिशन्सी सिंड्रोम का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि यह कब हुआ है और इसके कारण क्या हैं। इसके इलाज के लिए इंजेक्शन, ट्रांसडर्मल जैल, ट्रांसडर्मल पैच, गोलियां तथा ओरल कैप्सूल आदि दिए जाते हैं। कुछ प्रकार के टेस्टोस्टेरोन डिफिशन्सी सिंड्रोम टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी की मदद से उपचारित होते हैं।

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