भाजपा को कड़ी टक्कर देने की तैयारी, खोया वर्चस्व वापस दिलाने में जुटा कांग्रेस का ‘चाणक्य’
नई दिल्ली। इन दिनों सभी राजनीतिक दल सियासी रंगमंच पर घमासान की तैयारियों में जुटे हुए हैं। यूपी निकाय चुनावों के बाद अब सबकी नजर गुजरात विधान सभा चुनाव पर है। चुनाव की तारीख 09 दिसंबर तय है और केवल चार दिन ही शेष रह गए हैं। ऐसे में सभी दिग्गज अपनी ओर से कोई भी कमी नहीं छोड़ना चाहते हैं।
वैसे तो चारो ओर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का डंका सबके सिर चढ़कर बोल ही रहा है। लेकिन इस बार मैदान में कांटे की टक्कर देने के लिए कांग्रेस भी किसी मामले में पीछे नहीं दिख रही है। कांग्रेस ने भी इसके लिए एक छोटी सी टीम अहमदाबाद में बैठा रखी है। ये टीम मामले पर अपनी निगाहें गड़ाए हुए है। भाजपा के वार की काट कैसे की जाए इसका निर्धारण भी इसी टीम के द्वारा ही किया जा रहा है।
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बता दें इस टीम का नेतृत्व पूर्व आईपीएस अधिकारी कुलदीप शर्मा कर रहे हैं। शर्मा नरेंद्र मोदी के पुराने आलोचक रहे हैं, जब वो सेवा में थे और नरेंद्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे, तब भी कुलदीप शर्मा उनकी आलोचना करते रहे थे। रिटायरमेंट के बाद दो साल पहले ही उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन किया है।
खबरों के मुताबिक़ अहमदाबाद के पालदी रोड पर स्थित राजीव गांधी भवन के तीसरे तल पर कुलदीप शर्मा एक लो प्रोफाइल टीम के साथ कांग्रेस के लिए रणनीति बनाने में जुटे हैं। उनके साथ जुड़ी टीम उन्हें बीजेपी के खिलाफ रणनीति बनाने में आंकड़े जुटाकर मदद करती है।
गुजरात कांग्रेस की चीफ इलेक्शन कॉर्डिनेशन कमेटी भी शर्मा के लिए ग्राउंड रिपोर्ट और इंटेलिजेंस इनपुट उपलब्ध करा रही है।
इस टीम द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी का इस्तेमाल कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी अपने भाषणों में आक्रामक तौर पर करते हैं और बीजेपी को आंकड़ों के जरिए निशाने पर लेते हैं।
एक निजी चैनल से बात करते हुए कुलदीप शर्मा ने बताया कि उनकी टीम बूथवार जानकारी और आंकड़े जमा करती है। उसके बाद उस पर शोध कर किसी खास इलाके पर फोकस किया जाता है।
शर्मा कहते हैं कि उनके फीडबैक के मुताबिक कांग्रेस 128 सदस्यीय विधान सभा में कुल 28 सीटों पर निश्चित तौर पर जीतेगी। इसके अलावा 22 सीटों पर बीजेपी की जीत तय है। इसलिए बाकी बची कुल 132 सीटों के लिए ही उनकी टीम रणनीति बनाती है।
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माना जा रहा है कि इसी टीम ने दलित-आदिवासी वोटरों पर फोकस करने की रणनीति बनाई है। इसके अलावा पटेलों-पाटीदारों को भी साधने के लिए स्ट्रैटजी बनाई गई।
उनका कहना है कि पार्टी को इस रणनीति से फायदा हो रहा है। 22 सालों से सत्ता से दूर कांग्रेस कई इलाकों में बीजेपी को कांटे का टक्कर दे रही है।
बता दें कि हाल के दिनों में आए ओपिनियन पोल में भी कांग्रेस को बढ़त मिलने के आसार जताए गए हैं। सोमवार (04 दिसंबर) को एबीपी-सीएसडीएस के सर्वे में दिखाया गया है कि गुजरात में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है। दोनों दलों को 43-43 फीसदी वोट मिलने के आसार हैं।
इसके अलावा सर्वे के मुताबिक 182 सदस्यों वाले गुजरात विधानसभा में बीजेपी को कुल 91 से 99 सीटें मिलने की उम्मीद है जबकि कांग्रेस की झोली में 78 से 86 सीटें जाती दिख रही हैं।
अन्य के खाते में 3 से 7 सीट जाती दिख रही हैं। औसतन बीजेपी को 95, कांग्रेस को 82 और अन्य को 5 सीटें मिलती दिख रही हैं। पिछले तीन सर्वे में कांग्रेस के वोट बैंक में लगातार बढ़ोत्तरी होती दिख रही है।
फिलहाल सभी राजनीतिक दल अपने-अपने हिसाब से सर्वे भी करा रहे हैं और उसके हिसाब से चुनावी रणनीति बना रहे हैं। बाकी बाजी किसके पाले में गिरती है और किसकी रणनीति धराशाई होगी इसका मजबूत आंकलन तो चुनाव के बाद ही किया जा सकेगा।
ध्यान रहे गुजरात विधानसभा चुनाव दो चरणों में होना तय है। प्रथम चरण के लिए मतदान आगामी 09 दिसंबर को और दूसरे चरण के लिए 14 दिसंबर को होगा।
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