GST बैठक : 177 चीजों पर दस फीसदी की कटौती, जानिए क्या-क्या हुआ सस्ता

जीएसटीनई दिल्लीः जीएसटी काउंसिल की बैठक में शुक्रवार को सरकार ने बड़ा फैसला किया। जीएसटी की दरों में बदलाव करके सरकार कारोबारी और ग्राहक दोनों को राहत देने के लिए रोजमर्रा इस्तेमाल के कई प्रोडक्ट सस्ते किए है। नए फैसले के अनुसार करीब 200 वस्तुओं पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दी गई है।

इसका मतलब है कि अब सिर्फ 50 वस्तुएं ही जीएसटी के 28 प्रतिशत के दायरे में होंगी। जीएसटी की दर कम किए जाने से अब 177 चीजें सस्ती हो जाएंगी। जिनमें चॉकलेट, कपड़े धोने का साबुन और बेकिंग पाउडर शामिल है।

आपको बता दें कि, देश में सत्ता और सियासत का केंद्र बने माल एंव वस्तु कर यानि जीएसटी में बड़े बदलावों के संकेत मिल रहे थे। गुवाहाटी में गुरुवार से शुरू हुई जीएसटी परिषद की दो दिवसीय बैठक में शुक्रवार को बैठक समाप्त होने के बाद इसके बारे में औपचारिक जानकारी दी गई।

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जानकारों की मानें तो केंद्र सरकार GST से राजनीति दंगल जीतने की तैयारी में है। इसीलिए चुनावों से पहले सरकार ने यह ऐलान किया है। जानकारों की मानें तो प्रोडक्ट सस्ते करके लोगों को राहत देने की सरकार की कोशिश का असर गुजरात चुनाव में फैसलों का दिख सकता है।

इसके अलावा इसके प्रभाव जनवरी 2019 तक 7 राज्यों में होने हैं चुनाव पर भी पड़ने वाला है। आपको बताते हैं कि इस बार जीएसटी काउंसिल के इस फैसले के बाद क्या-क्या चीजें सस्ती होंगी।

जीएसटी क्या-क्या हुआ सस्ता

साबुन

डिटरजेंट

हाथ घड़ी

ग्रेनाइट

मारबल

शैंपू

आफ्टर शेव

स्किन केयर

डियोड्रेंट

कैमरे

वॉलेट

शॉपिंग बैग

सूटकेस

च्युइंगम

चॉकलेट

GST दरें घटने का पूरा असर अभी कहना मुश्किल है लेकिन GST दरें घटने से राजस्व में कमी आने का अनुमान है क्योंकि टैक्स बेस बढ़ने से राजस्व में कमी अनुमान से कम होना स्वाभाविक है। जीएसटी में टैक्स की दर कम करने से सरकार पर 20 हजार करोड़ का बोझ पड़ेगा।

आपको बता दें कि सरकार को शुरुआती 3 महीने में 2.78 लाख करोड़ का राजस्व मिला था। जानकारी के मुताबिक कुल 47 लाख कारोबारियों ने GSTR-1 दाखिल किया। इसके अलावा कुल 21 लाख कारोबारियों ने  GSTR-2 दाखिल किया

जीएसटी परिषद की बैठक में कंपोजीशन स्कीम का दायरा बढ़ सकता है। कंपोजीशन स्कीम में GST रेट को भी एक रेट करने का प्रस्ताव है। कंपोजिशन स्कीम का दायरा बढ़ने से खासतौर पर छोटे कारोबारियों को राहत मिलेगी। आपको बता दें कि GST के बाद छोटे कारोबारियों में नाराजगी थी।

सामान्य तौर पर छोटे कारोबारी BJP के परंपरागत वोटर माने जाते है कि इसलिए इस फैसले से पार्टी के खिलाफ छोटे व्यापारियों की नाराजगी को दूर करने की कोशिश कहा जा सकता है।

 

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