अब कोई गरीब नहीं सोयेगा भूखा, ‘अनाज बैंक’ ने कायम की मिसाल

रिपोर्ट- अनुज कौशिक

जालौनपिछले कई वर्षों से सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखंड इलाके के गरीब लोगों को अब भूखे पेट नहीं सोना पड़ेगा। इसके लिये बुंदेलखंड के जालौन जनपद के उरई शहर में विशाल भारत संस्थान द्वारा एक अनाज बैंक खोला गया।

अनाज बैंक

इसमें सैकड़ों लोग जुड़कर इस बैंक को कामयाब बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इस बैंक का उद्देश्य निराश्रित, मजदूर और गरीब महिलाओं को प्रतिमाह मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराना है। जिसका उद्घाटन आरएसएस के केन्द्रीय पदाधिकारी इन्द्रेश कुमार ने किया।

पिछले कई वर्षों से बुंदेलखंड सूखे से जूझ रहा है। जिस कारण यहाँ के कई लोगों को भूखे पेट ही जीवन यापन करना पड़ रहा था। ऐसे गरीब निराश्रित लोगों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से बुंदेलखंड के उरई में अनाज बैंक खोला गया। बैंक को उरई विशाल भारत संस्थान की प्रबन्धक डॉ. अमिता सिंह ने खोला है।

इस अवसर पर आये आरएसएस के केन्द्रीय पदाधिकारी इन्द्रेश कुमार ने कहा कि अब कोई भी शख्स भूखे पेट नहीं सोयेगा। इसी को लेकर बुंदेलखंड के उरई में विशाल भारत संगठन द्वारा संचालित अनाज बैंक का पहला सेंटर खोला गया।

यह एक ऐसा बैंक है. जहां लेन-देन जमा निकासी सब कुछ अनाज के रूप में ही किया जायेगा। और ब्याज के रूप में उसे आत्मसंतुष्टि मिलेगी। उन्होने बताया कि तीन साल पहले बनारस से शुरू किया गया. यह प्रयास आज विश्व में अलग पहचान बना चुका है।

उन्होंने बताया कि विशाल भारत संस्थान ने अभी तक 4000 से अधिक परिवारों को विशेष स्थिति में अनाज वितरित कर चुका है। इसके अलावा 1600 परिवारों को नियमित रूप से अनाज वितरित किया जाता है। इसके साथ-साथ गरीब बेटियों के विवाह के लिए भी कार्य किया जा रहा है।

इसके अलावा उन्होने बताया कि गरीब निराश्रित लोगों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से बनाया गया. अनाज बैंक बिल्कुल एक बैंक की तरह कार्य करता है, जिसमें लोग अपने दस्तावेज जमा करेंगे। जिसके बाद उनका खाता खोला जाएगा और उन्हें पासबुक दी जाती है।

इस पासबुक के आधार पर मजदूर और निराश्रित महिलाएं इस बैंक में जाकर अनाज प्राप्त कर सकेंगे। इसी तर्ज पर इस बैंक में दानदाताओं के भी खाते खोले जा रहे हैं। जिन्हें भी पासबुक दी जाती है और वह पासबुक के माध्यम से बैंक में जाकर अनाज जमा कराते हैं।

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बैंक की खास बात यह है कि इसमें दानदाताओं से रुपये जमा नहीं कराये जाते है. बल्कि इस बैंक में खाताधारकों से सिर्फ अनाज ही जमा कराया जाता है। उन्होंने बताया कि अनाज बैंक में जो भी अपना खाता खुलवाने के लिये आवेदन कराता है. उसका अनाज बैंक में काम करने वाला कर्मचारी घर-घर जाकर उसका सत्यापन करता है।

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सत्यापन का मुख्य उद्देश्य उस व्यक्ति की जमीनी हकीकत और घर की आर्थिक स्थिति का पता लगाना है। जब यह सबा सत्यापित हो जाता है. तब उसका बैंक में खाता खोला जाता है। जिसके बाद ही लाभार्थी को पासबुक देकर उसे बैंक की सुविधा दी जाती है।

यदि लाभार्थी द्वारा किया गया आवेदन फर्जी या मानकों के अनुरूप नहीं पाया जाता, तो उसका आवेदन निरस्त कर दिया जाता है।

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