सरकार ने वायुसेना के लिए तेजस एमके-1ए जेट खरीदने के लिए एचएएल के साथ 62,370 करोड़ रुपये का सौदा किया

रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना के लिए 97 हल्के लड़ाकू विमान (LCA) Mk1A की खरीद हेतु हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।

रक्षा मंत्रालय (MoD) ने गुरुवार (25 सितंबर) को भारतीय वायु सेना के लिए 97 हल्के लड़ाकू विमान (LCA) Mk1A की खरीद हेतु हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। इस ऑर्डर में 68 सिंगल-सीट लड़ाकू विमान और 29 ट्विन-सीट लड़ाकू विमान, संबंधित उपकरणों सहित, कुल 62,370 करोड़ रुपये (करों को छोड़कर) से अधिक की लागत से शामिल हैं। इन विमानों की आपूर्ति 2027-28 के दौरान शुरू होगी और छह वर्षों की अवधि में पूरी होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) द्वारा इस बड़ी खरीद को हरी झंडी दिए जाने के एक महीने से भी ज़्यादा समय बाद इस अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह सरकारी एयरोस्पेस दिग्गज को दिया गया दूसरा ऐसा अनुबंध है। विमान में 64 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी, जिसमें जनवरी 2021 में हस्ताक्षरित पिछले एलसीए एमके1ए अनुबंध के अलावा 67 अतिरिक्त आइटम शामिल किए जाएंगे। उत्तम एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (एईएसए) रडार, स्वयं रक्षा कवच और कंट्रोल सरफेस एक्ट्यूएटर्स जैसी उन्नत स्वदेशी रूप से विकसित प्रणालियों का एकीकरण, आत्मनिर्भरता पहल को और मजबूत करेगा।

इस परियोजना को लगभग 105 भारतीय कंपनियों के एक मजबूत विक्रेता आधार द्वारा समर्थित किया जा रहा है जो विस्तृत घटकों के निर्माण में प्रत्यक्ष रूप से संलग्न हैं। इस उत्पादन से छह वर्षों की अवधि में प्रति वर्ष लगभग 11,750 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है, जिससे घरेलू एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र को व्यापक बढ़ावा मिलेगा। रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 की ‘खरीदें (भारत-आईडीडीएम)’ श्रेणी के अंतर्गत यह अधिग्रहण, स्वदेशीकरण पर सरकार के ज़ोर के अनुरूप है। एलसीए एमके1ए, स्वदेश में डिज़ाइन और निर्मित लड़ाकू विमान का सबसे उन्नत संस्करण है और भारतीय वायुसेना की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक शक्तिशाली प्लेटफ़ॉर्म के रूप में काम करेगा।

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